लखनऊ, 23 मार्च। पूरा देश जनता कर्फ्यू के दौरान रविवार को घरों में रहा और शाम पांच बजे अपनी बाॅलकनी या अहाते में आकर कोरोना के खिलाफ लड़ रहे आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों के सम्मान में शंख, ताली और घंटे बजा रहे थे तो दूसरी तरफ पीलीभीत से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे लेकर जिले के डीएम और एसपी पर सवाल उठ रहे हैं।
इसमें डीएम वैभव श्रीवास्त और एसपी अभिषेक दीक्षित खुद भीड़ की अगुवाई कर शंख और घंटे बजा रहे हैं। जिला प्रशासन ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि भीड़ सड़क पर निकल आई थी तो डीएम और एसएसपी ने भावनात्मक तरीके से उनसे जु़ड़कर उनको समझाया।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि लोगों को सामााजिक दूरी बनाना है ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में मदद मिले। अब डीएम और एसपी के ही इस तरह से भीड़ का नेतृत्व करने पर सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को भी लोगों से लॉकडाउन का गंभीरता से पालन करने की अपील करते हुए राज्य सरकारों से कहा कि वे नियमों और कानूनों का पालन कराना सुनिश्चित करें।
मोदी ने ट्वीट किया, ”लॉकडाउन को अब भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कृपया करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वे नियमों और कानूनों का पालन करवाएं।
पीएम की अपील और सख्ती को देखते हुए लोग कह रहे हैं कि डीएम और एसपी ही कर्फ्यू का पालन नहीं करेंगे तो क्या होगा। बताया जा रहा हैकि डीएम और एसपी जनता कर्फ्यू का जायजा ले रहे थे।
पांच बजते ही लोगों की भीड़ उनके आसपास जुट गई। इसी बीच जुलूस की शक्ल में दोनों ने घंटे और शंख बजाए और इसका वीडियो वायरल हो गया।
लोगों का सवाल है कि डीएम और एसपी ने उन्हें हटाया क्यों नहीं। पीलीभीत पुलिस की ओर से ट्वीट करके इस पर सफाई दी गई है। पुलिस का कहना है कि DM और SP द्वारा जुलूस नहीं निकाला गया। कुछ जनता चूकि बाहर आ गई थी अतः भावनात्मक जुड़ाव के द्वारा वहां से हटाया गया, बल प्रयोग व्यावहारिक नहीं था।