लखनऊ, 20 मार्च। मध्यप्रदेश में आखिरकार लंबे चले सियासी उठापटक के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपना इस्तीफा राज्यपाल लालजी टंडन को सौंप दिया है। राज्यपाल को सौंपे अपने इस्तीफे में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लिए कि उन्होंने अपने चालीस वर्ष के सार्वजनिक जीवन में हमेशा से शुचिता की राजनीति की है और प्रजातांत्रिक मूल्यों को सदैव तरजीह दिया है।
मध्य प्रदेश में पिछले 2 हफ्ते में जो कुछ भी हुआ वह प्रजातांत्रिक मूल्यों के अवमूल्यन का एख नया अध्याय है। इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज मुख्यमंत्री निवास पर प्रेस कॉफेंस में भाजपा पर बड़ा हमला बोला।
मुख्यमंत्री निवास पर विधायक दल की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करने हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए भावुक नजर आए, उन्होंने कहा कि मेरा क्या कसूर था।
मुख्यमंत्री ने फ्लोर टेस्ट में न जाने का फैसले करते हुए इस्तीफा देने का एलान करते हुए कहा कि कि मुझे भाजपा के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है मुझे प्रदेश की जनता का प्रमाण पत्र चाहिए।
मुख्यमंत्री अपनी आखिरी प्रेस कॉफेंस में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कि सिंधिया का नाम लिए बिना कहा कि एक तथाकथित जनता द्धारा नकारे गए महत्वाकांक्षी, सत्तालोलुप महाराज और उनके द्धारा प्रोत्साहित 22 लोभियों के साथ मिलकर भाजपा ने खेल रच लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जिसकी सच्चाई थोड़े ही समय में सभी के सामने आगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के साथ धोखा करने वाले इन लोभियों एंव बागियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी।