
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, तिरुअनंतपुरम / कन्नूर : केरल में कन्नूर की एक पोक्सो अदालत ने एक 41 वर्षीय अभियुक्त मुहम्मद रफ़ी मदरसा टीचर को 13 साल की किशोरी पर यौन हमले के आरोप में 187 साल की सज़ा सुनाई है. मामला 2020 से 2022 कोविड महामारी के बीच का है ! ये फैसला कन्नूर ज़िले के तालिपाराम्बा के फास्ट ट्रैक के कोर्ट के जज आर राजेश ने सुनाया है.
सरकारी वकील शेरिमोल जोस ने बताया, ” कि इतनी लंबी सज़ा इसलिए सुनाई गई है क्योंकि उन्होंने ये अपराध एक से अधिक बार किया है.”
शेरिमोल जोस ने बताया –
- पोक्सो एक्ट के सेक्शन 5 (टी) के तहत पचास साल की जेल और पांच लाख रुपये जुर्माने की सज़ा दी गई है. इस एक्ट के तहत नाबालिगों पर ‘पैनेट्रेटिव यौन हमले’ में सज़ा दी जाती है.
- पोक्सो एक्ट के सेक्शन 5 (एफ) के तहत (टीचर के तौर पर भरोसा तोड़ने के लिए) 35 साल की जेल और एक लाख रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई. सेक्शन 5 (एल) के तहत दोबारा यौन हमला करने के आरोप में भी 35 साल के जेल की सज़ा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
- पोक्सो कानून के सेक्शन 3 (ए) के तहत और सेक्शन 3 (डी) ( ओरल सेक्स) के तहत 20-20 साल की जेल और 50-50 लाख रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई है.
- आईपीसी की धारा 376 (3) ( 16 साल से कम उम्र की लड़की के साथ रेप) के तहत 25 साल की जेल और एक लाख रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई गई है.
- दो साल की सज़ा आईपीसी की धारा 506 (2) (आपराधिक धमकी) के तहत सुनाई गई है.
शेरिमोल जोस ने कहा,” ये सारी सज़ा एक साथ चलेगी. इसका मतलब ये हुआ कि रफ़ी को 50 साल तक जेल में रहना होगा.”