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मंत्री राकेश सचान ने वित्तीय स्वीकृतियों एवं व्यय प्रगति की समीक्षा की

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : प्रदेश के रेशम उद्योग, खादी एवं ग्रामोद्योग, हथकरघा तथा वस्त्रोद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग मंत्री राकेश सचान ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत खादी एवं ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग से संबंधित वित्तीय स्वीकृतियों एवं व्यय की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में विभागीय कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई, जिसमें अब तक के बजट आवंटन, व्यय की स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई।

यह समीक्षा बैठक उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड मुख्यालय, तिलक मार्ग, लखनऊ के सभागार में आयोजित हुई। अधिकारियों ने विभागवार प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत अब तक किए गए व्यय, स्वीकृत योजनाओं, बकाया भुगतान और नए प्रस्तावों की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की गई।

मंत्री ने अधिकारियों से विभागीय योजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और निर्देश दिया कि लक्ष्य के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध ढंग से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि खादी, ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग से जुड़े कारीगरों, बुनकरों एवं उद्यमियों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हीं तक पहुंचे, इसके लिए प्रभावी निगरानी की जाए। उन्होंने रेशम विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को आजीविका मिशन पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही खादी, ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग की समीक्षा करते हुए मार्च के अंत बजट का अधिक से अधिक उपयोग करने के निर्देश दिए।

बैठक में विभिन्न विभागों के लिए जारी बजट की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए गए कि विभागीय योजनाओं में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित की जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि आवंटित बजट का पूरा उपयोग समय पर हो और अनावश्यक देरी न हो।

मंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जमीनी स्तर पर निरीक्षण एवं समीक्षा की जाए, ताकि वास्तविक लाभार्थियों को समय पर सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कारीगरों एवं उद्यमियों को अधिकतम समर्थन देने के लिए ऋण योजनाओं को सरल बनाया जाए और उन्हें बाज़ार उपलब्ध कराने के प्रयास तेज़ किए जाएं।

बैठक में मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी योजनाओं की नियमित समीक्षा की जाए और प्रगति रिपोर्ट हर माह प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कारीगरों और उद्यमियों को हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसके लिए वित्तीय प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा

बैठक में प्रमुख सचिव आलोक कुमार, विशेष सचिव डॉ उज्जवल कुमार, आयुक्त एवं निदेशक उद्योग कानपुर के. विजेंद्र पांडीयन सहित विभागीय सचिव, निदेशक, संयुक्त निदेशक, वित्त नियंत्रक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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