
अनुपूरक न्यूज एजेंसी, लखनऊ : उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान बख्शी का तालाब, लखनऊ में विभिन्न सरकारी, अर्धसरकारी विभाग /संस्थाओ के अधिकारियों व कर्मचारियों व विभाग व रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देकर उन्हें और अधिक दक्ष व सक्षम बनाने का कार्य किया जा रहा है।
इसी कड़ी में दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से 04 मार्च से 06 मार्च, की अवधि में, “विकसित भारत @ 2047: इथिक्स, वैल्यूज एण्ड मोटिवेशन फॉर ट्रांसफार्मेशन” विषयक तीन दिवसीय आवासीय कार्यशाला का आयोजन संस्थान के ट्रांसफार्मेशन भवन के बुद्धा सभागार में, महानिदेशक संस्थान एल0 वेंकटेश्वर0 लू0 के निर्देशों तथा अपर निदेशक संस्थान बी0डी0 चौधरी के मार्ग निर्देशन में किया गया। कार्यशाला में संस्थान के समस्त संकाय अधिकारियों/प्रशिक्षकों, संस्थान के नियंत्रणाधीन प्रदेश के समस्त 50 क्षेत्रीय/जिला ग्राम्य विकास संस्थानों के आचार्यों/ जिला प्रशिक्षण अधिकारियों तथा प्रदेश के ही अन्य राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थानों के 08 वरिष्ठ अधिकारियों सहित कुल 84 प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कार्यशाला के प्रथम दिवस के अवसर पर संस्थान के महानिदेशक एल0 वेंकटेश्वर0 लू0 की अध्यक्षता तथा विशिष्ट अतिथि विनोद सिंह रावत, प्रमुख सचिव न्याय एवं बी0पी0 अशोक सेवानिवृत्त आई0पी0एस0 अधिकारी की गरिमामयी उपस्थिति में उद्घाटन सत्र आयोजित किया गया, जिसके अन्तर्गत प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए आध्यात्मिक गुरू शचि ज्ञान पाण्डेय एवं राम कृष्ण गोस्वामी, भारत चरित्र निर्माण संस्थान द्वारा गीता दर्शन एवं कर्मयोग पर विस्तृत एवं उपयोगी व्याख्यान दिया गया।
कार्यशाला के समापन सत्र के अवसर पर संस्थान के प्र0अपर निदेशक बी0डी0 चौधरी द्वारा कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि इस महत्वपूर्ण तीन दिवसीय कार्यक्रम के आयोजन के निहितार्थ आवश्यकतानुसार महत्वपूर्ण एवं प्रासंगिक विषय-बिंदुओं यथा- नेतृत्व क्षमता विकास, अभिप्रेरणा, सकारात्मक सोच, प्रभावशाली नीतियाँ, आत्मविश्वास, संवाद कला, इंटरैक्टिव एवं क्रियेटिव गतिविधियां, शासकीय व्यवहार में लचीलेपन की नीतियाँ, प्रतिक्रिया एवं आत्म मूल्यांकन, समूह में कार्य करने की पद्धति तथा परस्पर सहयोग की भावना, तनाव प्रबन्धन और आत्म नियंत्रण, नवाचार और रचनात्मकता, व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक नैतिकता, लक्ष्य निर्धारण, समय प्रबंधन तथा परस्पर सहयोग एवं समन्वय की भावना इत्यादि को समाहित किया गया, जिन विषयों की अद्यतन रूप से प्रत्येक संकाय अधिकारी व राज्य स्तरीय प्रशिक्षक की प्रमुख आवश्यकता है। कार्यशाला के अन्तर्गत प्रस्तावित विषयों पर राष्ट्रीय स्तर के प्रबुद्ध वार्ताकारों एवं विषय-विशेषज्ञों द्वारा अपनी उपयोगी वार्ताओं से ज्ञानवर्धन किया गया। विशेष रूप से यह वार्ताकार राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख संगठनों, प्रसिद्धि प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों के सेवानिवृत्त संकायाध्यक्ष, ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालयों के व्याख्यातागण तथा भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा प्राधिकृत राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मास्टर ट्रेनर भी हैं।
वार्ताकारों मे, जिनका प्रमुख एवं उल्लेखनीय तथा सराहनीय विषय रहा है उन वार्ताकारों में से प्रमुख रूप से इन्द्रजीत मित्तल, मास्टर ट्रेनर, डी0ओ0पी0टी0, प्रो0 वी0वी0 सिंह, राधा दीदी ब्रह्मकुमारी मिशन, प्रो0 स्वामी मधुसूदन, विजिटिंग फैकल्टी ऑफ लाल बहादुर शास्त्री, भारतीय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी, प्रो0 पी0 के0 खत्री, प्रो0 ए0के0 भारती तथा शिखा त्रिपाठी, वरिष्ठ संकायाधिकारी नाबार्ड, इत्यादि की वार्ताएँ रही हैं।
तीन दिवसीय कार्यक्रम के आयोजन एवं प्रबन्धन तथा संचालन के दृष्टिगत डॉ0 एस0के0 सिंह, सहायक निदेशक, संस्थान, कुमार दीपक, सलाहकार, संस्थान, सुदेश कुमार, प्रशिक्षण सहायक, मो0 शाहरूख, प्रशिक्षण सहायक तथा मो0 शहंशाह, प्रचार सहायक का सराहनीय योगदान रहा है।