
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) को चुनने के लिए चयन समिति की बैठक में अपनी असहमति जताई तथा समिति की संरचना को ही असंतुलित बताया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गांधी की मौजूदगी वाली चयन समिति की सोमवार (17 फरवरी) को अगले चुनाव निकाय प्रमुख को चुनने के लिए बैठक हुई.
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब सीईसी राजीव कुमार 18 फरवरी को पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
नए कानून के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी, जिसमें (क) प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे; (ख) लोकसभा में विपक्ष के नेता सदस्य होंगे और (ग) प्रधानमंत्री द्वारा सदस्य के रूप में नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री होंगे.
करीब 30 मिनट तक चली बैठक में सरकार ने अगले मुख्य चुनाव आयुक्त के लिए पांच नामों का प्रस्ताव रखा, जिनमें वर्तमान चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का नाम भी शामिल था.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चयन समिति की संरचना को असंतुलित बताते हुए इसका विरोध किया तथा सर्वोच्च न्यायालय में कानून को चुनौती दिए जाने का हवाला दिया. बैठक में मोदी ने गांधी से नामों की एक सूची देखने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया, जिससे एक बार फिर समिति की संरचना पर सवाल उठा.
हालांकि बैठक 30 मिनट में समाप्त हो गई, लेकिन गांधी की असहमति बैठक के विवरण में दर्ज कर ली गई.
सोमवार रात को कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर ज्ञानेश कुमार गुप्ता को नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त करने की घोषणा की.
अधिसूचना में यह भी कहा गया कि आईएएस अधिकारी विवेक जोशी (हरियाणा कैडर) को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें तथा पदावधि) अधिनियम, 2023 के अनुसार, विधि एवं न्याय मंत्री की अध्यक्षता वाली एक खोज समिति, जिसमें भारत सरकार के सचिव के पद से नीचे के नहीं दो अन्य सदस्य शामिल होंगे, मुख्य चुनाव आयुक्त तथा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए चयन समिति के विचारार्थ पांच व्यक्तियों का एक पैनल तैयार करेगी.
इसके अलावा चयन समिति को खोज समिति द्वारा सुझाए गए व्यक्तियों के अलावा अन्य व्यक्तियों पर भी विचार करने का अधिकार है.