सूर्योदय भारत समाचार सेवा, कानपुर देहात : गुरुवार, 12 दिसंबर, कानपुर देहात जिले के परौंख गांव में बालिका शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल हुई। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव में सर्वोदय बालिका विद्यालय का शिलान्यास किया गया। इस कार्यक्रम ने ग्रामीण भारत में बेटियों के लिए गुणवत्तापूर्ण और तकनीक आधारित शिक्षा का नया अध्याय शुरू किया।
सर्वोदय विद्यालय बालिका का शिलान्यास करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि गांव की बेटियां 5 वीं कक्षा के आगे पढ़ने में असहज महसूस करती हैं क्योंकि आगे पढ़ने के लिए उन्हें दूसरे गांव या घर से दूर जाना पड़ता है, सर्वोदय विद्यालय के बन जाने से बेटियां निडर होकर आगे की पढ़ाई कर सकेंगी। संस्कारों की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि अच्छी शिक्षा और संस्कार आपको जमीन से उठाकर आसमान पर ले जा सकते है। मेहनत और ईमानदारी से चलेंगे तो आप जीवन में तरक्की करेंगे। कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने थल सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत से कहा था कि डिफेंस में बेटियों की भागीदारी बढ़नी चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए सर्वोदय विद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डिफेंस एंड पुलिस फोर्सेज के रूप में विकसित किया जाएगा। स्कूल से पढ़कर जब गांव की बेटी निकलेगी तो उसमें आत्मविश्वास भरा होगा कि वह किसी से कम नहीं है।
कार्यक्रम के दौरान समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्व. प्र.) असीम अरुण ने कहा कि सर्वोदय विद्यालय विकसित भारत के आसमान में बच्चियों को उड़ान भरने के लिए हवाई पट्टी का काम करेगा। यहां सिर्फ एक विद्यालय का शिलान्यास नहीं बल्कि विकसित भारत की नींव रखी जा रही है। विद्यालय के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि “परौंख में बनने वाला सर्वोदय बालिका विद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र होगा, बल्कि यह बेटियों को डिफेंस और पुलिस फोर्स में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा। इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डिफेंस एंड पुलिस फोर्सेज के रूप में विकसित किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि जिन बच्चियों को सेना से इतर किसी अन्य क्षेत्र में जाने का मन होगा उनके लिए कौशल विकास के प्रशिक्षण की सुविधा होगी। मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बच्चियों को तैयार करेगी। एनसीसी का प्रशिक्षण भी बच्चियों को विद्यालय में मिलेगा। यह विद्यालय दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा और वर्ष 2027 में बच्चियों के लिए पहले सत्र की शुरुआत होगी। धन्यवाद ज्ञापन समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड ने किया।
ग्रामीण बालिकाओं के लिए उम्मीद की किरण
यह विद्यालय बालिकाओं को कक्षा 6 से 12 तक निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान करेगा। आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यह विद्यालय, स्मार्ट क्लास, ई-लैब, टैब-लैब, और लाइब्रेरी जैसी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा, जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग भी दी जाएगी। छात्राओं को एनसीसी के माध्यम से डिफेंस और पुलिस फोर्स में जाने का प्रशिक्षण मिलेगा।
शिक्षा का तकनीक और परंपरा से जुड़ाव
सर्वोदय बालिका विद्यालय शिक्षा की प्राचीन गुरुकुल परंपरा और आधुनिक तकनीकी शिक्षा का अनूठा संगम होगा। विद्यालय में STEM, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और कंप्यूटेशनल थिंकिंग जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। समाज कल्याण विभाग द्वारा 75 जनपदों में मॉडल सर्वोदय विद्यालय विकसित करने का प्रयास चल रहा है।
पूर्व राष्ट्रपति की प्रेरणा से नई पहल
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ग्रामीण विकास और शिक्षा के प्रति गहरी निष्ठा के परिणामस्वरूप यह विद्यालय स्थापित हो रहा है। उन्होंने कहा, “परौंख में इस विद्यालय का निर्माण न केवल बेटियों को आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि उन्हें सपनों को साकार करने का अवसर देगा।”
सर्वोदय विद्यालयों में मिलने वाली सुविधाएं
सर्वोदय विद्यालयों में छात्रों को निःशुल्क शिक्षा के साथ आवास, पाठ्य पुस्तकें, यूनिफॉर्म, मेस, और आधुनिक तकनीकी संसाधन जैसे स्मार्ट क्लास और ई-लैब उपलब्ध कराए जाते हैं। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की यह पहल ग्रामीण बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने कहा, “यह विद्यालय न केवल कानपुर देहात बल्कि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।”
गांव देखने आए सावजी ढोलकिया
जलसंचयन करके कई नदियों, पोखरों और जलश्रोतों को पुर्नजीवित करने वाले सूरत गुजरात के साव जी ढोलकिया भी मंच पर उपस्थित रहे। वे परौंख गांव में जल संचयन की संभावनाएं तलाशने आए थे, उन्होंने गांव के दो तालाबों को जल संचयन और संरक्षण के लिये चयन किया है। पूर्व राष्ट्रपति ने उनके काम की तारीफ करते हुए कहा कि इन्होंने गुजरात की बरसाती नदी कही जाने वाली नदी में चेक डैम बनाकर उसे जल से लबालब कर दिया है। इस प्रकार के कई जलसंरक्षण के कार्य सावजी ने किया है।
आठ लोगों को मिले वृद्धावस्था पेंशन प्रमाण पत्र
शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान परौंख गांव के आठ लोगों को वृद्धावस्था पेंशन के प्रमाणपत्र पूर्व राष्ट्रपति द्वारा दिये गये। प्रमाण पत्र पाने वालों में परौख गांव के लज्जाराम, महेद्र कुमार, सुखनंदन, शीला, कर्णवीर सिंह, श्याम गौरी, अवधेश सिंह और नरेंद्र सिंह शामिल रहे।
कार्यक्रम में यह रहे उपस्थित: पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी की पत्नी श्रीमती सविता कोविंद, समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड, इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री अजीत सिंह पाल, बाल विकास पुष्टाहार राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला, रसूलाबाद विधायक पूनम शंखवार, भाजपा कानपुर मंडल के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल, जिला पंचायत अध्यक्ष नीरज रानी, यूपी सिडको अध्यक्ष वाई पी सिंह, सूरत गुजरात से आए से सावजी ढोलकिया आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
सर्वोदय विद्यालय : एक नजर में
सर्वोदय विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य समाज के सभी वर्गों, विशेषकर आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और तकनीकी रूप से समृद्ध शिक्षा प्रदान करना है। गौरतलब है कि वर्तमान में समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में समस्त वर्गों के बीपीएल परिवार के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक व निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान किए जाने के उद्देश्य से 110 जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय संचालित हैं। जहां कक्षा 6 से 12 तक के 35,000 छात्र-छात्राओं को शिक्षा दी जा रही है।
-समाज कल्याण विभाग द्वारा सर्वोदय विद्यालय कक्षा 6 से 12 तक संचालित हैं
-सर्वोदय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को पूरी तरह से निःशुल्क आवासीय शिक्षा है
-पाठ्य पुस्तकें, यूनिफॉर्म, मेस,स्मार्ट क्लास, टैब-लैब, लाइब्रेरी, इत्यादि की सुविधा
-नई शिक्षा नीति की मंशा के अनुरूप स्टेम एजुकेशन, कंप्यूटेशनल थिंकिंग व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से गुणवत्तापरक, तकनीक आधारित शिक्षा की व्यवस्था
-अभ्युदय केंद्र के माध्यम से जेईई, नीट इत्यादि प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग
-खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जागरूकता कार्यक्रम