सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी की सराहनीय पहल ब्रज की रसोई के माध्यम से जरूरतमंदों को पोषण से सहारा प्रदान किया जा रहा है। यह पहल समाज में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में काम कर रही है, जहां बेसहारा, अकिंचन, निराश्रित बच्चों और बुजुर्गों और असहाय लोगों को निःशुल्क पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
संस्था की सदस्य गीता प्रजापति ने कहा ब्रज की रसोई का उद्देश्य सिर्फ भोजन प्रदान करना नहीं है, बल्कि समाज में समानता और मानवता की भावना को बढ़ावा देना भी है। इस मुहिम के तहत सैकड़ों लोगों को ताजा और पौष्टिक भोजन परोसा जाता है। भोजन वितरण की यह प्रक्रिया अत्यंत व्यवस्थित तरीके से संचालित होती है, जिससे हर व्यक्ति को सम्मान के साथ भोजन प्राप्त हो सके।
इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी के संस्थापक विपिन शर्मा बताते हैं कि यह पहल कोरोना महामारी के पहले से संचालित है परन्तु कोरोना महामारी के दौरान जब कई परिवारों को जीवन-यापन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। उस कठिन समय में संस्था ने प्रतिदिन लोगों को राहत प्रदान की और यह सेवा निरंतर जारी है। इस सेवा के पीछे उद्देश्य यह है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे और हर किसी को भरपेट, संतुलित आहार मिल सके।
सामाजिक कार्यकर्त्ता भूपेंद्र कौल का कहना है कि समाज के लोगों का भी इस पहल में योगदान है। कई दानदाता और स्वयंसेवी लोग आगे आकर इसमें सहयोग दे रहे हैं।
संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा का कहना है कि यह सामूहिक प्रयास से ही संभव हो पाया है और वे भविष्य में और भी अधिक लोगों तक यह सुविधा पहुँचाने का संकल्प रखते हैं।
वरिष्ठ सदस्य सुनील कुमार ने कहा ब्रज की रसोई जरूरतमंदों के लिए एक नई उम्मीद बन चुकी है और यह पहल लखनऊ के सामाजिक ताने-बाने में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही है।
देवांश रस्तोगी ने बताया कि भोजन का वितरण रतन खण्ड पानी टंकी के पास की झुग्गियों और निर्माणाधीन विद्यालय के मजदूरों और उनके परिवारों व जोन 8 के सामने जुग्गी झोपड़ियो में एवं लोकबंधु हॉस्पिटल में किया गया, जिसमें लगभग 970 लोगों को निःशुल्क पौष्टिक भोजन वितरित किया गया।
कार्यक्रम में शामिल देवांश रस्तोगी, संजय सिंह, सुनील कुमार, भूपेंद्र कौल, मयंक गौड़, रंजीत कश्यप, गीता प्रजापति सहित सभी समाजसेवियों का विपिन शर्मा ने आभार व्यक्त किया।