सूर्योदय भारत समाचार सेवा : अदाणी समूह का भविष्य, जनरेशन -2 (जी-2) के हाथों में होगा और समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने अपने उत्तराधिकारियों के नामों का ऐलान कर दिया है। करीब एक दशक बाद जी-2 संभालगें अदाणी का साम्राज्य। गौतम अदाणी के छोटे बेटे जीत अदाणी का नाम भी उत्तराधिकारियों की लिस्ट में है। 26 साल के जीत अदाणी, समूह में 7 एयरपोर्ट, डिफेंस और डिजिटल इनिशिएटिव्स की जिम्मेदारी संभालते है। मुंबई के पास 2 बिलियन डॉलर की लागत से तैयार हो रहे नए एयरपोर्ट का निर्माण भी इन्हीं के देख-रेख में हो रहा है। ब्लूमबर्ग को दिए खास इंटरव्यू में जीत अदाणी ने समूह के भविष्य के प्लान पर अपनी बातें रखी।
हिंडनबर्ग विवाद पर परिवार और समूह एकजुट
हिंडनबर्ग विवाद पर जीत अदाणी ने कहा, वो वक्त काफी मुश्किल और तनाव से भरा था, मैं सिर्फ ये सोच रहा था कि परिवार को कैसे सपोर्ट करुं और उससे भी ज्यादा अपने एम्पलाईज का हौंसला कैसे बढ़ा सकता हूं। मैं जानता था मुश्किल वक्त में लोग उम्मीद खोने लगते है। लेकिन हम सबने उम्मीद नहीं खोई और एक टीम की तरह काम करते रहे। समूह पर कई तरह के आरोपों की जांच अभी भी चल रही है आप ऐसे समय में निवेशकों की चिंता कैसे दूर कर रहे हैं, इसका जवाब देते हुए जीत अदाणी ने कहा, हम अपने निवशकों से लगातार बातचीत करते रहते है, हमारे और निवेशकों के बीच तालमेल काफी अच्छा और मजबूत है,हमने उन्हें बताया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सभी आरोपों में कुछ भी नया नहीं है इसका जवाब हम पहले भी दे चुके है। पिछले 14 से 18 महीनों में निवेशकों ने हमें काफी सपोर्ट किया है, मैं यकीन दिलाना चाहता हूं, हम उनके सभी सवालों का जवाब देगें।
भारत के एयरपोर्ट्स पर बढ़ रहा है पैसेंजर ट्रैफिक
मुंबई में 2 बिलियन डॉलर के नए एयरपोर्ट के निर्माण पर जीत अदाणी ने कहा, फेस-1 काम समय पर पूरा होगा। एविएशन इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है, साल 2006 में दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट का प्राइवेटाइजेशन एक साथ हुआ था, मुंबई एयरपोर्ट दिल्ली से काफी बड़ा था लेकिन मुंबई की कैपेसिटी लिमिटेड थी। दिल्ली में जिस रफ्तार से पैसेंजर ट्रैफिक बढ़ा है मुंबई में उतनी ही डिमांड है इसी को ध्यान में रखते हुए नए एयरपोर्ट को मुंबई से बाहर बनाया जा रहा है, हां थोड़ी देर जरुर हुई है लेकिन हम सही वक्त पर काम पूरा कर लेंगे। फेस-1 का काम पूरा होते ही हम 50 से 60% की कैपेसिटी संभालने लग जाएगें और बाकि 3 करोड़ पैसेंजर को संभालने के लिए फेस-2 काम भी सही समय पर शुरु किया जाएगा।
डिफेंस सेक्टर को मजबूत करना लक्ष्य है
डिफेंस सेक्टर में अदाणी समूह का निवेश बहुत ज्यादा है और इसकी जिम्मेदारी जीत अदाणी के कंधों पर है, विश्व की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी भारत के पास है ऐसे में डिफेंस बिजनेस का कितना बड़ा स्कोप है, इसका जवाब देते हुए जीत अदाणी ने कहा, हम उस एरिया में ज्यादा फोकस कर रहे है जहां इम्पैक्ट ज्यादा है, हम फाइटर एयरक्राफ्ट और सबमरीन जैसे बड़े प्रोजेक्ट के पीछे नहीं भाग रहें है। हमारी स्ट्रेटजी 3 चीजों पर ज्यादा है, पहला यूएवी, ग्राउंड,वाटर और सबमरीन व्हीकल। पहला यूएवी हम डिफेंस फोर्सेज को हैंडओवर कर चुके है, ये एक मेल कैटेगरी ड्रोन है। हमारे पास मेल कैटेगरी से माइक्रो-रोटो-कॉप्टर को डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग करने की क्षमता है। स्माल कॉप्टर खेती में इस्तेमाल किए जा सकते है। हमारा दूसरा फोकस स्माल आर्म्स पर है, डिफेंस फोर्सेज के पास जो इक्विपमेंट है उसमें मार्डनाईजेशन की जरुरत है और हम कॉन्ट्रैक्ट सप्लाई के जरिए उन्हें 80% सप्लाई दे रहे हैं, हमारा लक्ष्य इसे 100% करने का है। हमारा तीसरा फोकस आयुध पर है। हम भारत में आयुध मैन्युफैक्चरिंग के एकमात्र प्राइवेट प्लेयर है और हम 1 साल में 100 मिलियन राउंड मैन्युफैक्चर करने का प्लान बना रहे हैं।
गौतम अदाणी कभी छुट्टी नहीं ले सकते
62 साल की उम्र में अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी 18 घंटे काम कर रहे हैं, अब उन्होनें अपने उत्तराधिकारियों के नामों का ऐलान कर दिया है, आपको लगता है कि जी-2 पर उन्हें कॉन्फिडेंस है कि वो कभी छुट्टी लेना चाहें तो जी-2 काम संभाल लेंगे, इस जीत अदाणी ने कहा, मुझे नहीं लगता वो आने-वाले समय में कभी छुट्टी लेना चाहेगें, मुझे यकीन है हम चारों कभी उनकी बराबरी कर पाएंगे, लेकिन हम अपने आप को वैसा ट्रेन्ड कर रहे है कि हम अच्छा कंट्रोल रख पाएं। सफल होने के लिए तीन चीजों की जरुरत है पहला, सही लोग, दूसरा, आप सही लोगों को संभाल सकें और तीसरा, आप रिस्क किस तरह मैनेज करतें है। इससे आपकी राह थोड़ी बहुत आसान हो सकती है।