सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बागवानों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक पर ड्राप मोर क्राप – माइक्रोइरीगेशन योजना के कुशल एवं पारदर्शी क्रियान्वयन हेतु नवविकसित आई.टी बेस्ड उत्तर प्रदेश माइक्रोइरीगेशन प्रोजेक्ट ( UPMIP) पोर्टल के संचालन के संबंध में दिनांक 28 एवं 29 जुलाई, 2023 को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जी. जी. आर. सी. की तकनीकी टीम के साथ समस्त जनपदीय उद्यान अधिकारी, मण्डलीय उपनिदेशक उद्यान, जनपदीय कम्प्यूटर आपरेटर्स, पंजीकृत थर्ड पार्टी इंसपेक्शन एजेन्सी, चयनित निर्माता फर्मों के प्रतिनिधि, डब्ल्यू. आर. जी -2030 के प्रतिनिधि एवं मुख्यालय स्तर के अधिकारी / कार्मिकों ने प्रतिभाग किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के आरम्भ में डा.आरके तोमर, निदेशक उद्यान द्वारा पर ड्राप मोर क्राप-माइक्रोइरीगेशन योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुये यह बताया गया कि यह योजना उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में लागू है। योजनान्तर्गत बुन्देलखण्ड, विंध्य क्षेत्र, प्रदेश के अतिदोहित, क्रिटिकल, सेमी क्रिटिकल विकासखण्ड, 08 आकांक्षात्मक जनपद एवं 100 आकांक्षात्मक विकासखण्ड, अटल भूजल के आच्छादित 10 जनपदों के 550 ग्राम पंचायत 27 नमामि गंगे जनपद प्राथमिकता के क्षेत्र हैं। सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का आच्छादन बागवानी, कृषि एवं गन्ना फसल में सघनता से किया जा रहा है।
माइक्रोइरीगेशन से आच्छादन बढ़ाये जाने का कार्यक्रम भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की प्राथमिकता परक कार्यक्रमों में सम्मिलित है, जिसे फ्लैगशिप योजना के रूप में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित किया जा रहा है। योजना में भारत सरकार द्वारा अनुमन्य 45-55 प्रतिशत अनुदान के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के किसानों के हित में 20-35 प्रतिशत अतिरिक्त राज्यांश (टाप-अप ) की सुविधा प्रदान करते हुये इकाई लागत के सापेक्ष लघु सीमान्त कृषकों को अधिक लागतजन्य ड्रिप / मिनी / माइक्रो स्प्रिंकलर के लिए 90 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों को 80 प्रतिशत अनुदान की सुविधा प्रदान की गयी है। इसी प्रकार कम लागतजन्य पोर्टेबल / सेमीपरमानेन्ट / रेनगन स्प्रिंकलर के लिए इकाई लागत के सापेक्ष लघु सीमा कृषकों को 75 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों को 65 प्रतिशत अनुदान की सुविधा अनुमन्य है।
जी.जी.आर.सी. के प्रबंध निदेशक जय प्रकाश शिवहरे के निर्देशन एवं नेतृत्व में गठित तकनीकी टीम द्वारा आई. टी. बेस्ड पोर्टल निर्धारित समय से पूर्व ही सम्पादित किया गया। उनकी तकनीकी टीम द्वारा इस पोर्टल की कार्यप्रणाली विशेष रूप से ऋण खाते में अनुदान की राशि के अंतरण के संबंध में चरणबद्ध तरीके से विस्तृत जानकारी एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। साथ ही योजना के गुणात्मक क्रियान्वयन हेतु नवविकसित आई. टी. बेस्ड पोर्टल के माध्यम से जनपदीय / मण्डलीय अधिकारियों / मुख्यालय स्तर/शासन स्तर/भारत सरकार के स्तर पर ट्रैकिंग एवं अनुश्रवण की सुविधा से भी अवगत कराया गया।