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कांग्रेस ना तो राष्ट्रीय, ना ही भारतीय और ना ही प्रजातांत्रिक पार्टी रह गई : नड्डा

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्षेत्रीय राजनीतिक दलों में विचारधारा किनारे और परिवार सामने आ गए हैं जबकि प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी अब ना तो राष्ट्रीय, ना ही भारतीय और ना ही प्रजातांत्रिक रह गई है। लोकतांत्रिक शासन के लिए वंशवादी राजनीतिक दलों के खतरे पर यहां आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अब ‘‘भाई-बहन की पार्टी’’ बनकर रह गई है।

मुंबई स्थित थिंक टैंक रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी (आरएमपी) के तत्वाधान में आयोजित इस संगोष्ठी में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, केंद्रीय मंत्री व जनता दल यूनाईटेड के आरसीपी सिंह, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के एम थंबी दुरई और भाजपा के राज्यसभा सदस्य विनय सहस्रबुद्धे सहित कई नेता उपस्थित थे।

संगोष्ठी का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में नड्डा ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिरोमणि अकाली दल, इंडियन नेशनल लोक दल, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), बीजू जनता दल (बीजद), वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और शिव सेना सहित विभिन्न राजनीतिक दलों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये क्षेत्रीय पार्टियां अब परिवारवादी पार्टियों में बदल गई हैं।

उन्होंने पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को ‘‘दीदी- भतीजे की पार्टी’’ बताया और कहा कि झारखंड में ‘‘बाबू जी के बुजुर्ग होने के बाद बेटे’’ (झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन) ने पार्टी संभाल ली है। नड्डा ने कहा, ‘‘जो परिवारिक पार्टियां हैं, उनका उद्देश्य सिर्फ सत्ता पाना होता है। इनकी कोई विचारधारा नहीं है। इनके कार्यक्रम भी लक्ष्यविहीन होते हैं।’’ इसी क्रम में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘कांग्रेस भी अब ना तो राष्ट्रीय रह गई है, ना भारतीय और न ही प्रजातांत्रिक रह गई है, ये भी भाई-बहन की पार्टी बनकर रह गई है।

’’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियों का लक्ष्य किसी भी तरह से सत्ता में आना होता है और इसके लिए वे ध्रुवीकरण से भी गुरेज नहीं करते, वह चाहे जाति के आधार पर हो या धर्म के आधार पर हो। उन्होंने दावा किया, ‘‘राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को ताक पर रख दिया जाता है और सत्ता पाने के लिए ध्रुवीकरण किया जाता है।’’ नड्डा ने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय पार्टियों में धीरे-धीरे कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है और अब उन क्षेत्रीय पार्टियों में विचारधारा किनारे हो गई है तथा परिवार आगे आ गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह से क्षेत्रीय पार्टियां, परिवारवादी पार्टियों में बदल गई हैं। जो परिवारिक पार्टियां हैं, उनका उद्देश्य सिर्फ सत्ता पाना होता है। इनकी कोई विचारधारा नहीं है। इनके कार्यक्रम भी लक्ष्यविहीन होते हैं।’’ नड्डा ने कहा कि भाजपा एकमात्र राजनीतिक दल है जो विचारधारा और कैडर आधारित है, जिसमें फैसले लोकतांत्रिक आधार पर लिए जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रजातांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक दल महत्वपूर्ण उपकरण है। अगर वह स्वस्थ हो तो प्रजातंत्र स्वस्थ रहता है। अगर वह अस्वस्थ है तो प्रजातंत्र अस्वस्थ हो जाता है और इससे धीरे-धीरे प्रजातांत्रिक व्यवस्था पर आघात पहुंचने लगता है।

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