राहुल यादव, लखनऊ। ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने स्टेशन मास्टर की समस्याएं समाधान के लिए 31 मई 2022 को एक दिन पूरे भारतवर्ष में छुट्टी लेने का ऐलान किया है।
एस्मा के लखनऊ के मंडल सचिव राजकुमार यादव ने बताया कि हमारा ही एक मात्र संगठन ऐसा है जो किसी समस्या को सिस्टम के साथ सिस्टमॅटीक लड़ता है।
संपूर्ण भारत वर्ष के 35000 स्टेशन मास्टर निम्न निम्न मांगों को लेकर के 7 अक्टूबर 2020 से संघर्षरत है।
1- नाइट ड्यूटी सीलिंग लिमिट रुपए 43600 आदेश रद्द किया जाए, 1 जुलाई 2017 से रिकवरी के आदेश वापस लिया जाए।2- स्टेशन मास्टर की रिक्तियों को शीघ्र भरा जाए।3- एम. ए. सीपी. का लाभ 1 जनवरी 2016 से दिया जाए।4- स्टेशन मास्टर को सेफ्टी एवं तनाव भत्ता दिया जाए।5- पदनाम परिवर्तन के साथ कैडर का वर्गीकरण किया जाए।6- रेलवे का निजी करण एवं निगमीकरण बंद किया जाए।7- नई पेंशन स्कीम बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए।
रेलवे बोर्ड पत्र संख्या83/2020 दिनांक 29 सितंबर 2020 नाइट ड्यूटी एलाउंस सीलिंग लिमिट लिमिट रू.43600/- नाइट ड्यूटी की गणना करने के लिए अब बेसिक पे रू 43600/- के आधार पर ही की जाएगी एवं अन्य दो मांगों को लेकर इसके विरोध में भारतवर्ष के 35000 स्टेशन मास्टर 31 मई 2022 सामूहिक अवकाश पर रहकर विरोध करेंगे।
राजकुमार यादव ने बताया कि प्रथम चरण में एस्मा के पदाधिकारियों द्वारा रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को ई-मेल भेजकर के विरोध जताया गया।दूसरे चरण में पूरे भारतवर्ष के स्टेशन मास्टरों ने 15 अक्टूबर को रात्रि ड्यूटी शिफ्ट में स्टेशन पर मोमबत्ती जलाकर के विरोध प्रदर्शन किया गया। तीसरे चरण का विरोध प्रदर्शन ट्रेन संचालन को सुचारू रूप से रखते हुए 20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक 1 सप्ताह तक काला बैज लगा कर के ट्रेन संचालन किया गया।चौथे चरण का विरोध प्रदर्शन ट्रेन संचालन को सुचारू रूप से रखते हुए 31 अक्टूबर को पूरे भारतवर्ष के स्टेशन मास्टर एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहे। पांचवे चरण में भारतवर्ष के 35000 स्टेशन मास्टर ऑन ड्यूटी एवं ऑफ ड्यूटी प्रत्येक मंडल कार्यालय के सामने ट्रेन संचालन को सुचारू रूप से रखते हुए धरना प्रदर्शन किया। रात्रि ड्यूटी सीलिंग लिमिट हटाने के आदेश रेलवे बोर्ड के द्वारा सुकृत करके डीओपीटी भेजा गया और डीओपीटी से फाइनेंस मे अभी तक पास नहीं हुआ, जो कैटेगरी संरक्षा के साथ अनवरत रूप से नाइट ड्यूटी करती हैं उनके साथ ऐसा व्यवहार रेलवे प्रशासन के द्वारा संरक्षा के साथ खिलवाड़ है। ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ऐसे आदेशों का वैधानिक तरीके से घोर विरोध करता है और प्रशासन को चेतावनी देता है की इसके बाद भी प्रशासन के द्वारा यह आदेश वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी रेल प्रशासन की होगी कोरोना के संबंध में सरकार के सभी दिशानिर्देशों का पूर्ण पालन किया जाएगा।