अशाेक यादव, लखनऊ। महज 16 दिन बाद यानी एक जनवरी से राष्ट्रीय राजमार्गों से फास्टैग के बगैर कोई भी वाहन नहीं निकल सकेंगे। टोल प्लाजा पर चल रहे कैश लेन पूरी तरह बंद करने का फैसला लिया जा चुका है। फास्टैग लेन से दोगुना टैक्स देने पर भी वाहनों को निकलने की अनुमति नहीं होगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने में जुटा है। कैश लेन से गुजरने वालों को पैम्फलेट देकर यह जानकारी दी जा रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार ने एक जनवरी से कैशलेन बंद कर देने की अधिसूचना छह नवंबर को ही जारी कर दी थी। अब यह तिथि करीब आ गई है। जिसे ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है।
एनएचएआई के रीजनल आफिसर अब्दुल बासित के मुताबिक राज्य के सभी 78 टोल प्लाजा पर एक जनवरी से कैश लेन बंद करने से संबंधित होर्डिंग्स लगाए जा रहे हैं। कैश लेन से गुजरने वाले वाहनों को यह जानकारी देने के लिए पैंफ्लेट भी दिए जा रहे हैं। फास्टैग बिक्री के लिए चयनित बैंकों द्वारा टोल प्लाजा के साथ ही शहरों में भी कैंप लगाए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लखनऊ स्थित कार्यालय पर भी दो-तीन दिन के अंदर फास्टैग की बिक्री के लिए शिविर का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया है कि राज्य में अब भी करीब 25 फीसदी वाहन कैशलेन से गुजर रहे हैं। राजमार्गों से गुजरने वाले 75 फीसदी वाहनों में फास्टैग लग चुका है।
अब्दुल बासित ने बताया है कि टोल प्लाजा पर फास्टैग बिक्री के साथ ही फास्टैग रिचार्ज की व्यवस्था भी की जाएगी। इससे फास्टैग धनराशि समाप्त होने की स्थिति में वाहन मालिक तत्काल रिचार्ज कराकर आगे का सफर जारी रख सकेंगे। इस व्यवस्था से कोरोना से बचाव भी होगा। कैश लेन पर नोटों के आदान-प्रदान से कोरोना के प्रसार का खतरा रहता है।