नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से देश में लगातार घट रही सांप्रदायिक घटनाओं और नेताओं द्वारा दिए जा रहे नफरती भाषणों के खिलाफ विपक्ष ने संयुक्त बयान जारी किया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन, झारखंड सीएम हेमंत सोरेन और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत विपक्ष के अन्य नेताओं ने लोगों के नाम ये संदेश जारी किया है।
संयुक्त बयान में लोगों से देश में शांति और सद्भाव की भावना बनाए रखने और सांप्रदायिक हिंसाओं के जिम्मेदार अपराधियों को सख्त सजा दिए जाने की मांग की है। विपक्ष के बयान में कहा गया है कि देश में खानपान, कपड़े, विश्वास और त्यौहार के नाम का प्रयोग समाज को बांटने के लिए किया जा रहा है। बयान में हेट स्पीच को लेकर चिंता प्रकट करते हुए कहा गया कि ऐसी नफरती बोली बोलने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई भी नहीं की गई है।
विपक्ष की ओर से जारी इस संयुक्त बयान में कहा गया है कि हाल के दिनों में देश में सांप्रदायिक घटनाओं में इजाफा हुआ है। इसे लेकर वे बेहद चिंतित हैं। इन सभी घटनाओं का पैटर्न एक जैसा रहा है। धार्मिक जुलूस निकालने से पहले आग लगाने वाले नफरती भाषण दिए जाते हैं। नफरत को फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का दुरूपयोग किया जा रहा है। विपक्ष ने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर वे हैरान हैं।
रामनवमी के दिन देश के कई राज्यों में दो संप्रदायों के बीच हिंसक घटनाएं देखने को मिली। एमपी और गुजरात में सबसे भीषण हिंसा देखने को मिली। वहीं इससे पहले राजस्थान के करौली में भी ऐसी ही सांप्रदायिक देखऩे को मिली थी। वहीं हिंदूवादी नेताओं द्वारा लगातार दिए जा रहे हेट स्पीच के कारण भी समाज में तनाव फैल रहा है।