अशाेक यादव, लखनऊ। समाजवादी पार्टी को भारतीय जनता पार्टी की बी टीम करार देते हुए बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हार के डर से आजमगढ़ छोड़ कर करहल भाग गये है और वहां भी वह अपने बुजुर्ग पिता का सहारा लेकर चुनाव जीतना चाहते हैं।
जिले के संविदा गांव में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुये उन्होने कहा कि भाजपा और सपा काे सत्ता में आने से हर कीमत पर रोकना होगा ताकि प्रदेश की जनता को जातिवादी संकीर्ण मानसिकता वाली अहंकारी और तानाशाही सरकार से मुक्ति मिल सके। उन्होंने भरोसा जताया कि केवल बसपा ही सभी सीटों पर नंबर वन रहेगी और उत्तर प्रदेश में पांचवीं बार सरकार बनायेगी।
उन्होंने कहा कि बीएसपी की सरकार बनाकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर तथा मान्यवर कांशीराम के सपने को साकार करना है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना मैदान ही छोड़ दिया क्योंकि आजमगढ़ में वह चुनाव बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन से जीते थे ,अब उन्हें पता है कि अब वह चुनाव नहीं जीत सकते हैं ।
इसलिए उन्होंने विधानसभा का चुनाव आजमगढ़ से ना लड़कर अपने पिता की सीट करहल से चुनाव लड़ रहे हैं और वहां भी अपने बूढ़े पिता का सहारा लेकर चुनाव जीतना चाहते हैं उन्होंने बार-बार अपने मतदाताओं को आगाह किया कि समाजवादी पार्टी को वोट देने का मतलब कि भाजपा को वोट देना।
मुस्लिम मतों को अपने पक्ष में करने के लिए उन्होने कहा “1977 से 2003 के बीच कई ऐसे अवसर आए जब मुलायम सिंह यादव की भाजपा से नजदीकी दिखी। सपा के लोग यह भी दुष्प्रचार कर रहे हैं कि जहां पर बसपा को हराना है और समाजवादी पार्टी कमजोर है तो वहां सपा के लोग अपना वोट भाजपा को दे दें। ऐसे में यहां के मुस्लिम समुदाय के लोगों को जवाब देना जरूरी है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आजमगढ़ मंडल में उपस्थित यह भीड़ इस बात की गवाह है कि यहां बसपा के प्रत्याशी ही चुनाव जीतेंगे। उन्होंने मतदाताओं को आगाह किया कि किसी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। सीधे वोट बसपा को देने की जरूरत है।
उन्होंने समाजवादी पार्टी को भाजपा की बी टीम बताया। कांग्रेस पर भी दलितों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुये उन्होने कहा, “दलितों के साथ कोई घटना होने पर प्रियंका पहुंचकर उन्हें गुमराह करती हैं कि आप की नेता मायावती आपके यहां नहीं आती हैं।
उन्होंने प्रियंका से सवाल किया “वह कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछे कि वह किन मौकों पर पहुंचती हैं, तो मैं भी एक पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं हमारे पार्टी के नेता दलितों के ऊपर अत्याचार होने पर प्रदेश के कई प्रभारी पहुंच जाते हैं । वह प्रियंका की तरह नाटक बाजी नहीं करते।”