अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा सबसे पहला राज्य बन गया है जिसने अपने यहां स्क्रैप पॉलिसी लागू की है। जिसके बाद प्रदेश में पुरानी गाड़ियां जो नहीं चलने लायक है। चेकिंग दस्ते और ऐसे अनफिट एवं खटारा वाहनों को जब्त कर कबाड़ (स्क्रैप ) सेंटर के हवाले करेंगे।
जिसके बाद स्क्रैप सेंटर पहुंचे वाहनों को बेच कर वाहनों के मालिकों को उचित कीमत दी जाएगी। इस पॉलिसी के लागू होने के बाद प्रदेश भर में स्क्रेप सेंटर खोले जाएंगे। आपको बता दे एक स्क्रैप सेंटर तीन एकड़ तक का होगा।
लखनऊ के परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने इस पॉलिसी को यूपी में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इस पॉलिसी के चलते अब 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहन बिना फिटनेस सड़कों पर नहीं दौड़ सकेंगे। ऐसे वाहन बिना फिटनेस चलते पकड़े गए तो परिवर्तन दस्ते इन्हें अनफिट मानते हुए इन्हें जब्त करके स्क्रैप सेंटर के हवाले कर देंगे।
जहां पर पकड़ी गई गाड़ियों को सौंप कर मालिको से सर्टिफि केट ले सकेंगे और उनके गाड़ियों की उचित कीमत भी उन्हें मिलेगी। इस पॉलिसी के लागू होने से वाहन संबंधी अपराधों में भी कमी आएगी।
पॉलिसी के लागू होने के बाद से कबाड़ हो चुके वाहन की कुल कीमत का छह फीसदी नकद पैसा मिलेगा। एक प्रमाण पत्र मिलेगा जिसे दिखाकर वाहन खरीद पर पांच फीसदी टैक्स में भी छूट हासिल होगी। विभाग की वेबसाइट पर छह तरह के लोग वाहन को स्क्रेप घोषित करने के लिए इस वेबसाइट www.ppe.nsws.gov.in/scrappagepolicy पर आवेदन कर सकेंगे।
परिवहन विभाग ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू की है। इसमें कोई व्यक्ति, फर्म, संस्था, ट्रस्ट वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय सौ रुपए के स्टांप पर चरित्र प्रमाण पत्र सहित अन्य जरूरी पत्रावलियों को भी अपलोड करना पड़ेगा।