अशोक यादव, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुजरात के सूरत में लाॅकडाउन में फंसे मजदूरों को गिरफ्तार किए जाने पर भाजपा सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी कोरोना संक्रमण के प्रतिरोध में लागू लाॅकडाउन का शतप्रतिशत पालन कर रही है।
सरकारी और चिकित्सीय एडवायजरी का पालन करते हुए पीड़ितों और जरूरतमंदो को सहायता पहुँचा रही है। वहीं सपा संकट के इन हालात को समझते हुए भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती है कि जनता को कहाँ किन स्थितियों से गुजरना पड़ रहा है।
गुजरात के सूरत में लाॅकडाउन में फंसे सैकड़ो भूखे मजदूर मालिकों से अपना वेतन व प्रशासन से घर जाने की व्यवस्था की मांग किये जाने पर गिरफ्तार कर किया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार तत्काल इन मजदूर लोगों को आर्थिक व आवासीय सहायता देकर उनमें विश्वास जगाए और शांति स्थापित कराए। यूपी की बीजेपी सरकार का पत्रकारिता के प्रति अपना रवैया पक्षपातपूर्ण नहीं रखना चाहिए।
मुख्यमंत्री से सम्बन्धित सही खब़र छापने पर एक न्यूज वेबसाईट के सम्पादक के खिलाफ एफआईआर किया जाना मीडिया की आजादी का हनन और सत्ता का स्पष्ट दुरूपयोग है। यह लोकतंत्र के विरूद्ध गहरी साजिश है।
डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के कुलपति ने एक दुस्साहसपूर्ण आपत्तिजनक टिप्पणी की है।
यह सत्ता के दुरूपयोग का प्रमाण है कि भाजपा का तथाकथित बुद्धिजीवियों का गैंग समाजवादी पार्टी और उसके नेतृत्व की छवि खराब करने की नीयत से अनर्गल आरोप लगाता रहा है। लोकतंत्र में इसे स्वस्थ परम्परा नहीं कहा जा सकता है।
अखिलेश यादव ने कहा कि सपा सदैव सकारात्मक और रचनात्मक आलोचना की पक्षधर रही है। सरकार से क्या यह नहीं पूछना चाहिए कि किसानों, बेरोजगारों, महिलाओं, नौजवानों और प्रभावित वर्ग के लिए क्या राहत कार्य किए जा रहे हैं? लाॅकडाउन की लम्बी अवधि से घरों में कैद बच्चों और बुजुर्जों की क्या हालत है?