लखनऊ। बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में आरोप में जेल गए आजम खां गुरुवार सुबह रामपुर से सीतापुर जेल में शिफ्ट किया गया। सीतापुर पहुंचे आजम ने पत्रकारों से बातचीत में यह सब बदले की भावना से किया जा रहा है। यह बात पूरा जानता है।
बताया जा रहा है कि सुरक्षा कारणों की वजह से आजम खां को सीतापुर जेल में शिफ्ट किया गया है। रामपुर के गंज कोतवाली इंस्पेक्टर रामवीर सिंह ने बताया कि उच्च अधिकारी के आदेश पर आजम खां को रामपुर जेल से सीतापुर के लिए शिफ्ट किया गया है। उन्हें गुरुवार तड़के सुबह करीब 4:30 बजे रामपुर जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच भेज दिया गया है।
बता दें कि बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में आरोपी सपा सांसद आजम खां ने बुधवार को पत्नी तजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम के साथ कोर्ट में सरेंडर किया था। कोर्ट ने तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। वहीं, पांच मामलों में कोर्ट ने आजम की जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया। हालांकि, नौ प्रकरणों में पुलिस से रिपोर्ट तलब की है।
सपा सांसद आजम खां तीसरी बार जेल गए हैं। वह छात्र जीवन में इमरजेंसी और सपा के हल्ला बोल आंदोलन में भी जेल गए थे, लेकिन इस बार जेल जाने का मामला पहले दोनों बार से अलग है। सांसद आजम खां ने छात्र जीवन से ही राजनीति शुरू कर दी थी।
आजम खां ने अपनी उच्च शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय से पूरी की है। तब वर्ष 1977 में प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू की थी। इसके खिलाफ देश के तमाम बड़े नेताओं ने आवाज उठाई थी।
इमरजेंसी के खिलाफ बोलने वालों में आजम खां भी शामिल थे। तब वह एएमयू में छात्रसंघ के सचिव थे। वहां से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और जेल भेज दिया गया था। आजम खां को बनारस की जेल में रखा गया था और करीब छह माह जेल में रहे थे।
वर्ष 1998 में सपा ने प्रदेश में हल्ला बोल आंदोलन किया था। प्रदेश भर में प्रदर्शन किए गए थे। सपाइयों ने गिरफ्तारी दी थी और जेलें भर दी थीं। रामपुर में भी बड़ा हल्ला बोल का आंदोलन किया गया था। पार्टी की विंग के हिसाब से गिरफ्तारी दी गई थी। तीन-तीन दिन बाद उन्हें रिहा किया गया था। आंदोलन के आखिरी दिन आजम खां ने भी गिरफ्तारी दी थी और तीसरे दिन रिहा हुए थे।