अशाेक यादव, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राममंदिर के इतिहास में एक और अध्याय जोड़ दिया। सीएम ने विधिवत पूजन के बीच राम मंदिर के गर्भगृह निर्माण के लिए जैसे ही पहली शिला रखी तो आयोजन स्थल जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा। इसी के साथ ही गर्भगृह का निर्माण प्रारंभ हो गया। राम मंदिर का गर्भगृह कमल की आकृति का आठ कोण वाला होगा।
इसकी दीवार 6 फीट मोटी व बाहरी हिस्सा पिंक स्टोन का होगा। इस अवसर पर डिप्टी सीएम केशव मौर्या, स्वामी परमानंद सहित राम मंदिर आंदोलन से जुड़े 100 से ज्यादा संत-महंत सहित 300 लोग इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। मुख्यमंत्री सुबह 9:30 बजे के करीब रामकथा पार्क में हेलीकॉप्टर से उतरे। इसके बाद उन्होंने हनुमानगढ़ी में जाकर दर्शन-पूजन किया। यहां से वह सीधे जन्मभूमि परिसर पहुंचे। सबसे पहले भगवान रामलला की आरती उतारी। उसके बाद शिलापूजन के कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
संतों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि लगभग 500 वर्ष की लंबी लड़ाई व संघर्ष के बाद श्रीरामलला मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है। इस कार्यक्रम को हमें मूर्त रूप देने के लिए आज हम न्यास के सदस्यों के साथ यहां आए हैं। इसमें चारों दिशाओं के प्रसिद्ध आचार्यगण के अलावा राम जन्म भूमि से जुड़े अन्य संत महात्मा पधार कर कार्यक्रम के साक्षी बने हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नवंबर 2019 में सर्वाेच्च न्यायालय के निर्णय आने के पश्चात यहां मार्च 2020 में फाइबर मंदिर में श्री रामलला की अस्थाई की स्थापना की गई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के लिए 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन किया गया तब से मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है, जो एक सराहनीय व ऐतिहासिक कार्य हो रहा है उसी का परिणाम है कि मंदिर की नींव बन चुकी है और हम आज संतों के साथ मंदिर के गर्भगृह में शिला पूजन के लिए आये हुए हैं। यह हमारे लिए वर्तमान पीढ़ी व आने वाली पीढ़ी के लिए गर्व का विषय है कि हम सभी मंदिर के निर्माण को अपने आंखों से देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित संत-महात्माओं विशिष्ट व्यक्तियों का आह्वान किया कि हम सभी का पावन कर्तव्य है कि पूरी क्षमता के साथ मंदिर निर्माण के कार्य में योगदान करें। इस मौके पर सांसद लल्लू सिंह, मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, रामचन्द्र यादव, अमित सिंह चौहान, भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्र व पूर्व जिला अध्यक्ष अवधेश पांडे बादल के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
इनको किया गया सम्मानित
इस दौरान श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास, महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष गोविन्द देव गिरी महाराज, ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य परमानन्द महाराज, जिनेन्द्र दास महाराज, ट्रस्ट के सदस्य विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र आदि के अलावा विश्वकर्मा के रूप में कार्यरत अभियंताओं आदि को अंगवस्त्र भेंट करते हुए सम्मानित किया गया।
राम मंदिर से सौ मीटर दूर द्रविड़ शैली के मंदिर श्री रामलला सदन का उद्घाटन भी सीएम योगी ने किया। दक्षिण भारत के कलाकारों ने तीन साल में इस मंदिर को तैयार किया है। कार्यक्रम में जगद्गुरु श्रीनिवासाचार्य कांची, श्रीरंग मंदिर वृंदावन के अध्यक्ष स्वामी रंगाचार्य और जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य विद्या भास्कर मौजूद थे।
इसके अलावा प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी, मण्डलायुक्त नवदीव रिणवा, पुलिस महानिरीक्षक केपी सिंह व जिलाधिकारी नितीश कुमार भी उपस्थित रहे। रामलला सदन के महंत जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघावाचार्य ने बताया कि मंदिर में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और जानकी के साथ भगवान विष्णु, हनुमान जी और रंगनाथ जी सहित जय-विजय की प्रतिमाओं की स्थापना की गई है।