अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के रहने वाले नायब सूबेदार वीरेंद्र सिंह यादव अरुणाचल प्रदेश में उग्रवादी हमले में शहीद हो गए। उनकी शहादत को नमन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मां भारती की सेवा करते शहीद हुए मैनपुरी निवासी सेना के जवान वीरेंद्र सिंह के बलिदान को उत्तर प्रदेश की जनता नमन करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि यूपी सरकार उनके परिजनों को 50 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। मैनपुरी की एक सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर होगा। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अरुणाचल प्रदेश में उग्रवादियों के कायरतापूर्ण कृत्य में वीरगति को प्राप्त हुए बीरेन्द्र सिंह के शौर्य और वीरता को कोटि-कोटि नमन। राष्ट्र रक्षार्थ आपका बलिदान अतुल्य है। हम आपकी वीरता और राष्ट्र सेवा भाव के समक्ष श्रद्धावनत हैं। जय हिंद!
वीरेंद्र सिंह 1985 में असम राइफल्स यूनिट में राइफल मैन पद पर तैनाती मिली। लगातार 35 साल तक वह सर्विस दे चुके थे। अभी हाल में ही गांव से छुट्टी समाप्त करके ड्यूटी पर गए थे। रविवार की सुबह वीरेंद्र ने अपनी पत्नी मुकेश से बातचीत में कहा था कि उनकी ड्यूटी पानी के टैंकर पर लगी हुई है, उस पर जा रहा हूं। इतना कहते हुए उन्होंने फोन काट दिया।
कुछ ही देर बाद यूनिट से फोन आया कि आपके पति उग्रवादी हमले में शहीद हो गए हैं। इतना सुनते ही पत्नी और बेटे सदमे में डूब गए। चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण इकट्ठा हुए। शहीद अपने पीछे पत्नी और तीन बेटे छोड़ गए हैं। शहीद का बड़ा बेटा बबलू एनडीआरएफ में तैनात है। दूसरा बेटा किसानी करता है, जबकि तीसरा बेटा अभी पढ़ाई कर रहा है।