जबलपुर। भारतीय जनता पार्टी के सांसद राकेश सिंह ने देश भर की केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित पाठ्यक्रमों को अनिवार्य करने के नियम 377 के अधीन लोकसभा में उठाया। राकेश सिंह ने कहा कि किसी भी देश के लिए शिक्षा का अपना एक अलग और खास महत्व है। शिक्षित लोग समाज, प्रदेश और देश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आज अभिभावक अपनी छोटी-छोटी खुशियों को त्याग कर अपने बच्चों को अच्छी और बेहतर शिक्षा देने पर जोर दे रहे हैं। पूर्ववर्ती सरकारों ने शिक्षा को कभी भी देशवासियों की बुनियादी जरूरत नहीं बनने दी। पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा शिक्षा के लिए अतिरिक्त सरकारी संस्थानों को बनाने के बजाए पूरी शिक्षा व्यवस्था निजी हाथों में देने का प्रयास किया और आज गुणवत्तापूर्वक शिक्षा प्रदान कराने के लिए अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाते हैं और स्कूलों द्वारा अधिक फीस के साथ ही विभिन्न महंगे प्रकाशकों की किताबों को अपनी मर्जी के हिसाब से पाठ्यक्रमों में तय कर लेते हैं।
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राकेश सिंह ने कहा कि यदि एक शहर में 20 निजी स्कूल है और सभी स्कूल केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, किन्तु सभी के पाठ्यक्रमों में भिन्नता है और महंगे प्रकाशक होने के कारण अभिभावकों पर अनावश्यक पुस्तक खरीद पर व्यय का दबाव बढ़ता है। सिंह ने लोकसभा में सरकार को सुझाव दिया है कि केन्द्रीय विद्यालय भी केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है और उनके सभी पाठ्यक्रम एनसीईआरटी द्वारा ही प्रकाशित किये जाते हैं जिससे पुस्तक सस्ती होती हैं और उन अभिभावकों पर भी बहुत अधिक व्यय का दबाव नहीं होता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रमों को अनिवार्य किया जाना चाहिये, ताकि निजी शिक्षा संस्थानों की लूट से बचा जा सके और शिक्षा में एकरूपता को बढ़ावा मिल सके।