नई दिल्ली। सरकार ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) को बिजलीघरों के लिए 1.2 करोड़ टन कोयले के आयात को लेकर तैयार रहने का निर्देश दिया है। यह निर्देश अगले 13 महीनों के दौरान बिजली के उत्पादन को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। एक सूत्र ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य की बिजली उत्पादक कंपनियों और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों ने कोयला की जरुरत का पता लगाने के लिए शनिवार दोपहर तक का समय मांगा है।
इस आधार पर जल्द ही कोल इंडिया की तरफ से कोयले के आयात का आर्डर दिया जाएगा। वर्ष 2015 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब महारत्न कंपनी कोयले का आयात करेगी। सूत्र ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने कोल इंडिया को इस साल जुलाई से अगले साल जुलाई तक 1.2 करोड़ टन कोयले के आयात के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है।’’
इस संबंध में कंपनी को भेजे गए सवाल भेजे गये थे, लेकिन फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार कोयले की कमी के कारण अप्रैल में हुई बिजली की किल्लत से बचने के लिए ईंधन का भंडार बनाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। इससे पहले, बिजली मंत्रालय ने 18 मई को आगाह किया था कि अगर कोयला आयात का ऑर्डर 31 मई तक नहीं दिया गया और आयातित ईंधन 15 जून तक बिजलीघरों में नहीं पहुंचा, ऐसे में चूक करने वाली बिजली उत्पादक कंपनियों को अपना आयात 15 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा।
मंत्रालय ने राज्य सरकारों और बिजली उत्पादक कंपनियों को लिखे पत्र में यह भी कहा था कि इसके अलावा यदि 15 जून तक घरेलू कोयले के साथ आयातित कोयले का मिश्रण शुरू नहीं किया जाता है, तो संबंधित चूककर्ता के ताप विद्युत संयंत्रों के घरेलू आवंटन में पांच प्रतिशत की और कमी की जाएगी।