अशाेेेक यादव, लखनऊ। राजस्थान में जारी कांग्रेस के राजनीतिक संकट के बीच पार्टी ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पद से हटा दिया। पायलट के वफादार दो अन्य मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पद से हटा दिया गया है। राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह दोतासारा को कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
कांग्रेस नेताओं ने सोमवार और मंगलवार को दो बैठकें बुलाई और पायलट से उसमें शामिल होने की अपील की। लेकिन वह दोनों बैठकों में नहीं पहुंचे। जिसके बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। पायलट ने रविवार को घोषणा की थी कि अशोक गहलोत सरकार राज्य में अल्पमत में है, क्योंकि 30 विधायक उनके समर्थन में हैं।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया कि बहुमत के लिए जरूरी संख्या उनके पास है और वह मंगलवार को पार्टी विधायकों की बैठक समाप्त होने के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने राज भवन चले गए।
इसके पहले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी की बैठक के बाद मीडिया को बताया, “भाजपा ने राजस्थान की जनता द्वारा चुनी गई कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची। भाजपा ने सत्ता, ईडी, और आयकर विभाग का दुरुपयोग कर कांग्रेस के विधायकों और निर्दलीय विधायकों को खरीदने की कोशिश की। मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों को खरीदने के लिए की गई कोशिशों के बारे में बताया है।”
उन्होंने कहा, “पिछले 72 घंटों के दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व के तहत कांग्रेस नेताओं ने पायलट और उनके खेमे के अन्य मंत्रियों और विधायकों से लगातार संपर्क करने की कोशिश की। कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट से कई बार बात करने की कोशिश की। कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने भी कई बार उनसे बात की, लेकिन वह बैठक में नहीं आए।”
गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्होंने दावा किया कि उनके पास 109 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इस बीच, राज्य के गुर्जर बाहुल्य इलाकों में किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है, क्योंकि राजस्थान के गुर्जर बेल्ट में पायलट का एक मजबूत समर्थन आधार है।
निष्कासित करने के बाद पायलट ने ट्विट किया है कि ‘सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता।’ भाजपा ने मंत्रियों को हटाने के घटनाक्रम के बाद गहलाेत सरकार को अल्पमत की सरकार बताते हुए विधानसभा में बहुमत साबित करने की चुनौती दी है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले तथा सारे घटनाक्रम की जानकारी दी।