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शरद पवार ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने से किया इंकार, ममता की बैठक में शामिल हुए 17 दल

अशाेक यादव, लखनऊ। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में बुधवार को कई दलों के नेताओं ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार को संयुक्त विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने एक बार फिर इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए बनर्जी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की इस बैठक में करीब 17 राजनीतिक दलों के नेता शरीक हुए।

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दलों के नेता इस बैठक में शरीक हुए जबकि आम आदमी पार्टी (आप), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और बीजू जनता दल (बीजद) ने इससे दूरी बनाए रखना मुनासिब समझा। शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भाकपा-एमएल, नेशनल कांफ्रेंस(नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडपी) जद(से), आरएसपी, आईयूएएमएल, राष्ट्रीय लोकदल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता भी बैठक में शरीक हुए।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया आज बुधवार से ही प्रारंभ हुई है। बैठक के बाद द्रमुक नेता टी आर बालू ने पत्रकारों से चर्चा में कहा, ‘‘सभी दलों के नेताओं ने शरद पवार से आग्रह किया कि वह राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ें लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया।’’

उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने अनुरोध किया कि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पवार और बनर्जी को सभी गैर-भारतीय जनता पार्टी, दलों से संपर्क कर उनसे बातचीत करनी चाहिए ताकि संयुक्त विपक्ष की ओर से किसी उम्मीदवार के नाम पर चर्चा कर सहमति बनाई जा सके।

राजद के मनोज झा ने हालांकि कहा कि सभी नेता पवार से फिर से आग्रह करेंगे कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें क्योंकि वह उपयुक्त उम्मीदवार हैं। भाकपा के विनय विस्वम ने कहा, ‘‘बैठक में यह आम राय थी कि विपक्ष की ओर से एक ही उम्मीदवार होना चाहिए जो सभी को स्वीकार्य हो।’’

उन्होंने कहा कि बैठक में सिर्फ शरद पवार का नाम सामने आया। रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एन. के. प्रेमचंद्रन ने कहा कि बनर्जी ने बाद में विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के रूप में वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नाम भी सुझाए।

राकांपा के शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला, जनता दल (सेक्युलर) के एच. डी. देवगौड़ा और एस. डी. कुमार स्वामी, सपा के अखिलेश यादव, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, नेकां के उमर अब्दुल्ला बैठक में शरीक होने वाले प्रमुख नेताओं में शामिल थे। बैठक तीन बजे आरंभ होकर करीब पांच बजे समाप्त हुई।

बनर्जी ने पिछले हफ्ते सात मुख्यमंत्रियों सहित 19 दलों के नेताओं को राष्ट्रीय राजधानी में एक बैठक में शामिल होने का न्योता दिया था, ताकि 18 जुलाई को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के बीच एक संयुक्त उम्मीदवार पर आम सहमति बन सके। बैठक से एक दिन पहले, ममता और वाम दलों के नेताओं ने राकांपा प्रमुख से उनके आवास पर अलग-अलग मुलाकात की थी, ताकि उन्हें शीर्ष संवैधानिक पद के लिए विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनने के लिए मनाया जा सके।

 

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