नई दिल्ली।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को पीएम मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। यह उनकी मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली मुलाकात है। राकांपा के सुप्रीमो शरद पवार के अयोध्या में राम मंदिर की तरह ही मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन के बयान के बाद ठाकरे का पीएम मोदी से मिलना एक सियासी तपिश माना जा रहा है। इस दौरान उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे यांनी आज दिल्ली येथे देशाचे पंतप्रधान श्री. नरेंद्र मोदी जी यांची सदिच्छा भेट घेतली.
CM Uddhav Balasaheb Thackeray had a courtesy meeting with the Hon’ble Prime Minister of India Shri @narendramodi ji in Delhi today. pic.twitter.com/GwM1LcfvRj
— Office of Uddhav Thackeray (@OfficeofUT) February 21, 2020
सूत्रों के अनुसार, उद्धव ठाकरे की पीएम मोदी से मुलाकात राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम मानी जा रही है। मुलाकात के बाद ठाकरे में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। एनपीआर किसी को देश से बाहर नही करेगा। सीएम ने कहा कि बैठक में पीएम मोदी ने साफ कहा कि देशवासियों को सीएए से डरने की आवश्यकता नहीं है।
मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे यांनी आज दिल्ली येथे काँग्रेस पक्षाच्या अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी यांची सदिच्छा भेट घेतली. यावेळी काँग्रेसचे ज्येष्ठ नेते @kharge जी, मंत्री @AUThackeray, खासदार @rautsanjay61 जी, शिवसेना सचिव @NarvekarMilind_ जी उपस्थित होते. pic.twitter.com/LDlCd3Qzfg
— Office of Uddhav Thackeray (@OfficeofUT) February 21, 2020
प्रधानमंत्री से मिलने के बाद उद्धव ठाकरे ने 10 जनपथ जाकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की। बता दें कि सीएम पद की शपथ लेने के बाद ठाकरे ने कहा था कि वह बड़े भाई नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली पहुंचेंगे। ठाकरे के ऑफिस ने मुलाकात के बाद तस्वीरें शेयर कर ट्वीट किया, उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में पीएम से शिष्टाचार मुलाकात बताया। अक्टूबर 2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद भी सरकार नहीं बना पाई थी।
उद्धव ठाकरे ने शाहीनबाग पर कहा कि वहां लोगों को भड़काया जा रहा है। उन्होंने कहा वहां लोगों से मिलने की जरूरत है। विरोध क्यों कर रहे हैं पहले यह स्पष्ट होना चाहिए। नेताओं को समझने की जरूरत होती है। वहीं जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आपके मुताबिक शाहीनबाग में लोगों को भड़काया जा रहा है। जबकि आपकी सहयोगी कांग्रेस के नेता भी वहां पहुंचे हैं, आपको क्या लगता है कौन भड़का रहा है? इस सवाल पर बचते हुए उद्धव ने कहा मुझे नहीं पता, मैं दिल्ली में नहीं रहता