लखनऊ। मानवाधिकार कार्यकर्ता, आरटीआई एक्टिविस्ट व व्हिसिलब्लोअर पीसी पाठक और अधिवक्ता रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने सरकार की मुद्रा योजना में सैकड़ों करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है।
लखनऊ स्थित यूपी प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता कर पीसी पाठक व अधिवक्ता रजनीश कुमार ने कहा, लखनऊ के इंदिरानगर स्थित भारतीय माइक्रो क्रेडिट (बीएमसी) के प्रबंध निदेशक विजय पाण्डेय ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में सैकड़ों करोड़ रुपयों का आर्थिक घोटाला किया है।
पाठक ने बताया कि उन्हें यह जानकारी कॉर्पोरेट ऑफिस मुद्रा, सिडबी, भारतीय रिजर्व बैंक, कंपनी रजिस्ट्रार उत्तर प्रदेश के कार्यालयों में दायर किए गए आरटीआई आवेदनों पर मिले उत्तरों और इन्टरनेट के खुले स्रोतों से मिली है।
विजय पाण्डेय ने मुद्रा योजना के नाम पर विभिन्न बैंकों से अरबों रुपए का लोन लेकर घोटाला किया है। इस संबंध में पाठक ने प्रधानमंत्री, प्रमुख सचिव गृह यूपी, पुलिस महानिदेशक, महानिदेशक आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन को अपनी शिकायत भेजी है। जिसमें मामले की जांच कराकर बीएमसी के प्रबंध निदेशक विजय पाण्डेय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
लेकिन जब घोटालेबाज अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 22 जनवरी को ईओडब्ल्यू को 6 महीने के अंदर जांच पूरी करने का आदेश दिया है।
प्रेसवार्ता में लखनऊ विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर व भारत सरकार से प्रमाणीकृत आरटीआई ट्रेनर डा. नीरज कुमार, सामाजिक संस्था तहरीर के संस्थापक अध्यक्ष व मानवाधिकार कार्यकर्ता इंजीनियर संजय शर्मा, समाजसेवी व आरटीआई सलाहकार तनवीर अहमद सिद्दीकी भी मौजूद रहे।