रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को देशों के बीच चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग करने में आ रही बाधाओं को दूर करने का आह्वान किया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75 वें सत्र की सामान्य बहस में पुतिन ने कहा, “अर्थव्यवस्था की ही तरह चिकित्सा क्षेत्र में भी हमें सहयोग के दौरान आ रही बाधाओं को दूर करना जरूरी है।”
उनके भाषण के क्रेमलिन ट्रांसस्क्रिप्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि कोविड -19 से मुकाबला करने में रूस ने वैश्विक और क्षेत्रीय दोनों ही स्तरों पर योगदान दिया है। पुतिन ने कहा, “ऐसा करने में हम सबसे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की केंद्रीय समन्वयकारी भूमिका को सबसे ऊपर रखते हैं। इसके साथ ही हम इसे कई गुना मजबूत बनाने को आवश्यक मानते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “यह काम पहले ही शुरू हो चुका है, और रूस वास्तव में इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित है।” पुतिन ने कहा कि महामारी के दौरान, विभिन्न देशों के डॉक्टर, स्वयंसेवक और नागरिक ने पारस्परिक सहायता और समर्थन के उदाहरण पेश और ऐसी एकजुटता ही सीमाओं की रक्षा करती है। इसी तरह कई देशों ने भी नि:स्वार्थ भाव से एक-दूसरे की मदद की।
उन्होंने आगे कहा, “हालांकि कुछ ऐसे मामले भी सामने आए, जिनमें मानवता की कमी नजर आई। हम मानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र की प्रतिष्ठा बहुपक्षीय और द्विपक्षीय संबंधों में मानवीयता की भूमिका को और बढ़ा सकती है। जैसे लोगों से लोगों का जुड़ाव, यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम, सांस्कृतिक संबंध, सामाजिक और शैक्षिक कार्यक्रम, खेल, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और स्वास्थ्य संरक्षण जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया जा सकता है।”
इस मौके पर राष्ट्रपति ने दोहराया कि रूस ऐसे साझा संबंधों और सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, “इसी के चलते हम एंटी-कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास में सहयोग करने के इच्छुक देशों के लिए जल्द ही एक ऑनलाइन उच्च-स्तरीय सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं।”