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वित्त मंत्री का बड़े लोक उपक्रमों से दिसंबर तक तीन चौथाई पूंजीगत खर्च पूरा करने पर बल

अशाेक यादव, लखनऊ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़े केंद्रीय लोक उपक्रमों से उनके 2020-21 के योजनाबद्ध पूंजीगत व्यय का 75 प्रतिशत दिसंबर तक पूरा करने का सोमवार को आह्वान किया। इसका मकसद कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान करना है।

कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिवों और इनसे जुड़े 14 केंद्रीय लोक उपक्रमों के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों के साथ एक ऑनलाइन बैठक में उन्होंने उनसे पूंजीगत योजनाओं पर काम तेज करने की अपील की।

आधिकारिक बयान के मुताबिक अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए यह वित्त मंत्री की इस तरह की चौथी बैठक है। वह अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के संकट के उबारने में मदद के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ बैठकें कर रही हैं।

लोक उपक्रमों के प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए सीतारमण ने कहा कि उनके द्वारा किया जाने वाला पूंजीगत व्यय आर्थिक वृद्धि के इंजन का एक अमूल्य घटक होता है। ऐसे में उन्हें 2020-21 और 2021-22 के लिए इसे तेज करने की जरूरत है।

वित्त मंत्री ने संबंधित मंत्रालयों के सचिवों से केंद्रीय लोक उपक्रमों के प्रदर्शन पर करीबी नजर रखने और दिसंबर तक उनके 2020-21 के लक्षित पूंजीगत व्यय का 75 प्रतिशत खर्च सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लोक उपक्रमों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों के साथ संबंधित मंत्रालयों के सचिवों को ज्यादा समन्वय के प्रयास करने होंगे।

उल्लेखनीय है कि 2019-20 में 14 केंद्रीय लोक उपक्रमों ने कुल 1,11,672 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा था लेकिन उनका व्यय अंतत: 104 प्रतिशत यानी 1,16,323 करोड़ रुपये रहा।

चालू वित्त वर्ष के लिए इन कंपनियों ने 1,15,934 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा है। इसमें सितंबर तक पहली छमाही में 37,423 करोड़ रुपये यानी 32 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया है। जबकि 2019-20 की पहली छमाही में यह 39 प्रतिशत यानी 43,097 करोड़ रुपये था।

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