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विजयदशमी: गाजे-बाजे के साथ निकली विजय शोभा यात्रा, पारंपरिक परिधान में सीएम योगी ने की अगुवाई

अशाेक यादव, लखनऊ। विजयादशमी पर दिन भर चले आयोजनों के बीच शाम साढ़े चार बजे गोरखनाथ मंदिर से भव्‍य विजय शोभायात्रा निकली। इसकी अगुवाई सीएम और गोरक्षपीठाधीश्‍वर महंत योगी आदित्‍यनाथ ने पारंपरिक परिधान में की। 

विजयादशमी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, लंकाधिपति रावण का वध कर विजय हासिल कर अयोध्या लौटते हैं। अयोध्या में उनका राजतिलक होता है, इसी राजतिलक के लिए गोरक्षपीठाधीश्वर की विजय शोभायात्रा गोरखनाथ मंदिर से मानसरोवर मंदिर और रामलीला मैदान के लिए निकली।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठाधीश्वर की पारम्परिक पोशाक में योगी, पुजारियों, पुरोहितों और साधु संतों के साथ ढोल नगाड़ों की मंगल ध्वनियों के बीच श्री गुरु गोरखनाथ के गर्भ गृह में पहुंचे।

गर्भ गृह के फर्स पर बैठक कर उन्होंने गुरु गोरखनाथ की विशेष पूजन और आरती की। उसके बाद उनका आशीर्वाद लेकर मानसरोवर मंदिर के लिए शोभायात्रा निकली। गोरखनाथ मंदिर से भव्य विजय शोभा यात्रा हर्ष और उल्लास एवं आन बान शान से निकली।

सीएम फ्लीट की बुलेट प्रूफ गाड़ी में सवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देखने के लिए सड़क के दोनों किनारों एवं छतों पर भारी भीड़ जुटी थी। हर बार की तरह इस बार सीएम खुले रथ के बजाए सीएम फ्लीट की गाड़ी से ही रवाना हुए। 

‌गोरखनाथ मंदिर से मानसरोवर मंदिर और फिर रामलीला मैदान तक सड़कों और छतों पर खड़े लोग शोभायात्रा का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही शोभायात्रा उधर से गुजरी लोगों ने जयकारे श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के साथ शोभा यात्रा पर जम कर फूल बरसाए।

शोभायात्रा जिधर से गुजरी सड़क किनारे खड़े श्रद्धालुओं ने उसका जोरदार स्वागत किया। मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ पर आंखे टिकाए हुए था। उनकी गाड़ी जिसके भी सामने से गुजरी, उसके चेहरे खिल गए।

हर कोई उन्हें अभिभावदन कर इस मांगलिक अवसर पर आशीर्वाद पा लेने की कोशिश में था। योगी भी सभी के प्रणाम का जवाब देने की कोशिश करते दिखे। 

शोभायात्रा में सबसे आगे हनुमान अखाड़े के लड़के चल रहे थे। उनके पीछे श्रद्धालुओं का समूह जय श्रीराम और नाथ संप्रदाय का जयकारा लगाते हुए चल रहा था। हनुमान जी की प्रतिमा भी शोभा यात्रा में शामिल थी जिसे प्रणाम कर श्रद्धालु मन ही मन में प्रार्थना करते दिखे।

शोभायात्रा में लाठी खेलते बच्चे आकर्षण के केंद्र बने हुए थे। यात्रा में श्रद्धालुओं, विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं के हाथों में नाद, ध्वज, दण्ड और परम्परागत अस्त्र-शस्त्र थे।

शोभायात्रा में हाथों में तलवार, फरसा, भाला समेत अन्य पारम्परिक शस्त्र से सुसज्जित युवाओं की सेना भी शामिल थी। लोग कौतुलहल के साथ उन्हें देख रहे थे। शोभायात्रा के दौरान शस्त्र संचालन के अपने कौशल और शौर्य को भी प्रदर्शित किया। 

विजय शोभायात्रा के दौरान पुलिस प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। सीआरपीएफ, रैपिड एक्सन फोर्स, पुलिस, एनएसजी के सुरक्षाकर्मी तैनात थे। शोभायात्रा के रास्ते में जगह-जगह छतों पर पुलिस बल तैनात किया गया था। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंची। उन्होंने वहां स्थापित देव विग्रहों का पूजन करने के बाद भगवान शंकर का अभिषेक किया। श्रद्धा के साथ पूजन करने के बाद मानसरोवर रामलीला के मंच पहुंचे। 

परम्परागत रूप से गोरक्षपीठाधीश्वर की विजयादशमी पर निकलने वाली विजयशोभायात्रा का चौधरी कैफुल वरा की अगुवाई में मुस्लिम समाज और बुनकर समाज की ओर से स्वागत किया। चौधरी परिवार के काफी लोग शोभायात्रा के स्वागत कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे रहे। चौधरी जैद ने बताया इस बार वे गाड़ी से नहीं उतरे।

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