अशाेक यादव, लखनऊ। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच फिर झड़प हो गई है। इसमें दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे को डराने-धमकाने और पीछे धकेलने के लिए हवा में गोलीबारी की।
यह घटना पैंगोंग सो के दक्षिणी तट के पास शेनपाओ पर्वत के पास हुई।
इसे लेकर चीन ने एक बयान जारी कर कहा है, “भारतीय सेना ने चीनी सीमा के गश्ती दल के सैनिकों को धमकी देने के लिए फायरिंग की, जिसने चीनी सीमा रक्षकों को जमीन पर अपनी स्थिति स्थिर रखने के लिए जवाबी कार्रवाई करने पर मजबूर किया।”
“भारत की कार्रवाई ने चीन और भारत के बीच प्रासंगिक समझौतों का गंभीरता से उल्लंघन किया है।
उसने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाया है और गलतफहमी पैदा कर दी है।”
बयान में कहा गया है कि यह गंभीर सैन्य उकसाव और गलत बर्ताव है।
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चीनी पीपुल्स लिबरेशन के वेस्टर्न थिएटर कमांड के कर्नल झांग शुइली ने एक बयान में कहा,
“हम भारतीय पक्ष से आग्रह करते हैं कि वे ऐसे खतरनाक काम को तुरंत रोकें।
क्रॉस-लाइन कर्मियों को हटाएं।
अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को कड़ाई से शांत रहने के लिए कहें और जिन लोगों ने फायरिंग की उन्हें दंडित करें।
ताकि सुनिश्चित हो कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।”
भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा चीन ने भारतीय गश्ती दल को डराने के लिए हवा में गोलीबारी करने का सहारा लिया।
हालांकि भारतीय सेना का आधिकारिक बयान आना बाकी है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग चार महीने से गतिरोध जारी है।
कई स्तरों के संवाद के बावजूद अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
ग़त 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे
और वहीं हताहत चीनी सैनिकों की संख्या अभी भी अज्ञात है।