अशोक यादव, लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि कुछ कट्टरपंथी मुसलामन मोदी जी से दुश्मनी रखने की वजह से इस लॉकडाउन को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं।
लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। वसीम रिजवी ने कहा कि पीएम मोदी ने लॉकडाउन का फैलसा हिंदुस्तान की भलाई के लिए है।
ऐसे में मुस्लिम बाहुल इलाकों में कोरोनावायरस जैसी महामारी पहुंचती है और मौतें होती है। इसकी जिम्मेदारी भी उन लोगों के परिवारों की होगी।
अगर खुदा न खास्ता अगर मुस्लिम इलाकों में महामारी फैलती है और मौतें होती है, तो उन मौतों के जिम्मेदार और वे लोग खुद होंगे, सरकार को चाहिए कि वे उन परिवारों के खिलाफ मुक़दमे भी दर्ज करवाए।
दरअसल, वसीम रिजवी का यह बयान उस वक्त आया है। जब लखनऊ के सआदतगंज की एक मस्जिद में जुटे लोगों को हटाने पहुंची पुलिस से मौलाना समेत अन्य लोग भीड़ गए पुलिस को सूचना मिली थी।
झवाई टोला इलाके में एक मस्जिद में करीब 20-25 लोग इकट्ठे नमाज पढ़ रहे हैं। जानकारी पर इलाके में गश्त कर रहे सब इंस्पेक्टर मनोज पालीवाल सिपाहियों के साथ वहां पहुंच गए।
एसआई मनोज पालीवाल ने मस्ज़िद के इमाम इदरीस और मुतवल्ली मोहम्मद फ़ाज़िल को कोरोना के बारे में बताया और लॉकडाउन के दौरान इकट्ठे होने पर रोक की जानकारी भी दी थी। तभी मस्ज़िद में पहले से मौजूद लोग पुलिस से उलझ गए और कहा था।
कोरोना हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता इस पर पुलिस और नमाजियों में बहस होने लगी चेतावनी देने के बाद एक सिपाही ने पूरे हंगामे की वीडियो बनाना शुरू कर दिया।
इस मामले में सआदतगंज पुलिस ने एक मस्जिद के इमाम, मुतवल्ली समेत करीब 24 लोगों के खिलाफ लॉकडाउन तोड़ने पर एफआईआर दर्ज की है।