अशोक यादव, लखनऊ। 7 तारीख से लखनऊ पुलिस फिर से अपने उसी पुराने रूप में नजर आएगी। मंगलवार से राजधानी पुलिस हाथों में भोजन की थाली नहीं बल्कि लाठी लेकर लाॅकडाउन तोड़ने वालों का इलाज करने में जुट जाएगी।
इस संबंध में सोमवार को सभी थाना प्रभारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय की ओर जारी इस निर्देश में कहा गया है कि लाॅकडाउन के दौर पुलिसकर्मी गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन भी पहुंचा रहे हैं।
लेकिन इसके चलते वह लाॅकडाउन का पालने कराने में अपना पूरी ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। जिससे लोग सड़कों पर बिना वजह घूम रहे हैं। अब जनपद में भोजन बांटने का काम समाजसेवी संस्थाओं और प्रशासन के पास ही होगा। पुलिस भोजन या राशन वितरण नहीं करेगी।
लखनऊ पुलिस ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से इजाफा हुआ है। जिसके पीछे जनता द्वारा लाॅकडाउन का उल्लंघन और निर्देशों का पूर्णतः पालन न होना भी है।
बडी संख्या में संक्रमित जमातियों को सामने आने के बाद स्थिति गंभीर हो गयी है। लखनऊ पुलिस अपना पूरा ध्यान और ताकत लाॅकडाउन का पालने कराने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने पर लगाएगी। इसके साथ अपराध और यातायात नियंत्रण पर भी फोकस किया जाएगा।
जरूरी काम और सेवाओं के लिए सड़कों पर चलने वाले वाहनों के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। दोपहिया वाहन पर केवल एक व्यक्ति को चलने का आदेश है।
किसी भी दशा में एक बाइक पर दो लोगों को नहीं चलने दिया जाएगा। दूसरा व्यक्ति बैठा होने पर मुकदमा दर्ज कर वाहन सीज कर दिया जाएगा।
चार पहिया वाहनों पर केवल दो व्यक्तियों के चलने की इजाजत है। जिसमें से एक एक ड्राइविंग सीट पर जबकि दूसरा पीछे बैठेगा।
भारी माल वाहक गाड़ियों पर ड्राइवर और क्लीनर के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति सफर नहीं करेगा। गाड़ी में तीसरा व्यक्ति मिलने पर ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा। बेवजह बिना पास निकलने वाले लोगों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
मेडिकल, प्रेस, बैंक, पुलिस, सचिवालय या अन्य कोई भी बहाना बनाकर लोगों को पुलिस अधिकारी से विवाद न करने की अपील की गयी है।