अशाेेेक यादव, लखनऊ।
लॉकडाउन में हुए राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए वाणिज्य विभाग ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए हैं।
इसमें जीएसटी रिटर्न देर से जमा करने वालों से ब्याज की वसूली करके की जाएगी।
आयुक्त वाणिज्य कर आयुक्त अमृता सोनी ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं।
इसमें कहा गया है कि 1 जुलाई 2017 से जीएसटी व्यवस्था लागू है।
जीएसटी रिटर्न समय से जमा न करने पर ब्याज वसूली की व्यवस्था है।
समीक्षा में पाया गया है कि 25 से 30 प्रतिशत रिटर्न समय से जमा नहीं हुए हैं।
इसलिए इसकी समीक्षा करते हुए ब्याज की वसूली की जाएगी।
जीएसटी रिटर्न-1 व जीएसटी रिटर्न 3बी के अंतर का परीक्षण किया जाएगा।
इसमें यह देखा जाएगा कि कितनी सप्लाई हुई और कितनी नहीं हुई है।
इसके आधार पर टैक्स निर्धारण की समीक्षा की जाएगी।
हर जोन में इस श्रेणी के रिटर्न को चिह्नित करते हुए जुलाई 2017 से सेक्टरवार सूची तैयार की जाएगी और जोन में इस मद में निहित कुल राजस्व की आकलन शीट तैयार की जाएगी।
इसके साथ ही गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम लेने वालों को चिह्नित किया जाएगा।
ऐसे लोगों की सूची सेक्टवार तैयार करते हुए वसूली की जाएगी।
विशेष अनुसंधान शाखा इकाइयां काम न करने वाली अस्तित्वविहीन फर्मों से संबंधित नेटवर्क का डाटा विश्लेषण कर वास्तविक लाभार्थी की पहचान करेंगे।
ऐसी फर्मों के माध्यम से बड़ी धनराशि आईटीसी क्लेम कर पैसा ट्रांसफर किया जाता है। 50 लाख से कम और 50 लाख से अधिक टर्नओवर के मामले में ठीक से विश्लेषण किया जाए, जिससे गड़बड़ी पकड़ कर टैक्स की वसूली की जा सके।