अशोक यादव, लखनऊ। भारत में कोरोना वायरस संकट के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अपनी बात की शुरूआत करते हुए राहुल ने कहा, यह समय सरकार और विपक्ष की लड़ाई का नहीं है।
मैं मोदी सरकार के साथ किसी तरह किसी तरह की तू-तू मैं-मैं में नहीं पड़ना चाहता। यह समय कोरोना वायरस के खिलाफ मिलकर लडने का है।
राहुल ने कहा कि मैं सरकार को कुछ सुझाव देना चाहता हूं। उन्हें मानना या न मानना सरकार का काम है। राहुल ने देश में बढ़ रहे कोरोना के प्रभाव पर चिंता जताई है।
कहा कि मैं सरकार की आलोचना करने नहीं आया हूं। बल्कि पिछले एक महीने से विशेषज्ञों से बातचीत कर मिले अनुभव के आधार पर रचनात्मक सुझाव देना चाहता हूं।
मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन कोरोना का हल नहीं है। यह एक तरह से पॉज बटन की तरह है। राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैंने पिछले एक-दो महीने में कई एक्सपर्ट्स से बात की है, लॉकडाउन कोरोना संकट का हल नहीं है।
यह कुछ समय के लिए कोरोना को रोक सकता है, मगर खत्म नहीं कर सकता है। जब देश लॉकडाउन से बाहर आएगा तो इसका असर फिर से दिखना शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन सिर्फ तैयारी करने का वक्त देता है। लॉकडाउन से कोरोना वायरस को नहीं हरा पाएंगे।
लाॅकडाउन खत्म होते ही वायरस फिर से प्रभाव दिखाने लगेगा। इसलिए यह जरूरी है कि लाॅकडाउन के बीच ही बड़े पैमाने पर संक्रमण की जांच होनी चाहिए। भारत में कोरोना टेस्टिंग की दर काफी कम है।
राहुल ने कहा, कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबी चलेगी। कोरोना पर विजय पाने का ऐलान करना अभी जल्दबाजी होगी। केन्द्र सरकार इसके लिए राज्यों को समर्थ बनाए। उन्हें अधिक संसाधन और शक्तियां दे।
जिला और ब्लाॅक स्तर पर रणनीति बनाकर लड़ाई ज्यादा कारगर होगी। राहुल ने अपने संसदीय क्षेत्र केरल के वायनाड का उदाहरण देते हुए कहा, वहां इसी तरह से निपटा जा रहा है।
राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए देश को दो मोर्चों पर ज्यादा काम करने की जरूरत है- एक हेल्थ और दूसरा अर्थव्यवस्था। फूड का सेफ्टी नेट तैयार करना होगा। जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें भी मुफ्त राशन दीजिए।
साथ ही न्याय योजना के तहत पैसे दीजिए, भले ही आप इस योजना का नाम न दें और दूसरा नाम यूज करें। सिर्फ लॉकडाउन से ही बात नहीं बनेगी, आपको अपनी ताकत और संसाधन का सही से इस्तेमाल करना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि करोरोना को लेकर अभी देश में इमर्जेंसी जैसे हालात हैं। कोरोना के खिलाफ देश को एकजुट होकर लड़ना होगा। लॉकडाउन से बात नहीं बनी है, क्योंकि यह महामारी कुछ समय के लिए रुक गई है।
राहुल ने कहा, ऐसा देखा गया है कि विदेशों में इस महामारी से सबसे ज्यादा पीड़ित बुजुर्ग हैं। लेकिन भारत में बच्चे और युवा भी इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।
क्योंकि भारत में बहुत सारे लोगों को शुगर और अन्य कई बीमारियां हैं। जिसके चलते बुजुर्गों के साथ नौजवान भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। अंत में राहुल ने कहा, ये देश किसी भी बीमारी से बड़ा है।