अशाेक यादव, लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड में अभियुक्त बनाए गए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका को मंजूर करते हुए, व्यक्तिगत बंध पत्र व दो जमानत पत्र दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया है। हालांकि न्यायालय ने बिना कोर्ट के इजाजत के उत्तर प्रदेश न छोड़ने की शर्त भी आशीष मिश्रा पर लगाई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने गुरूवार को पारित किया है। न्यायालय ने अपने विस्तृत आदेश में कहा है कि एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि आशीष मिश्रा गाड़ी बाईं सीट पर बैठा गोली चला रहा था व उसकी गोली से गुरविंदर सिंह नाम के एक शख्स की मृत्यु भी हुई।
जबकि मृतकों अथवा घटनास्थल पर मौजूद किसी भी व्यक्ति को गोली की चोट नहीं आई है। घटना में पांच लोगों की मृत्यु और 13 लोग घायल हुए हैं। न्यायालय ने अपने आदेश में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट व पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों के बयान को भी उद्धत किया है।
न्यायालय ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर अभियोजन की पूरी कहानी को स्वीकार किया जाए तो स्पष्ट है कि घटनास्थल पर हजारों प्रदर्शनकारी मौजूद थे। ऐसे में इस बात की भी सम्भावना है कि ड्राइवर ने बचने के लिए गाड़ी भगाई हो और यह घटना घटित हो गई हो।
याची की ओर से दलील भी दी गई थी कि प्रदर्शनकारियों में कई लोग तलवारें और लाठियां लेकर जमा थे। बहस के दौरान यह भी कहा गया था कि ऐसा कोई भी साक्ष्य एसआईटी ने नहीं संकलित किया है जिससे यह साबित हो सके कि आशीष मिश्रा ने गाड़ी चढाने के लिए उकसाया हो अथवा वह उक्त अपराध के लिए समान आशय रखता हो।