अशाेक यादव, लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी उत्सव के क्रम में शनिवार को 63वां दीक्षांत समारोह मनाया गया। इस मौके पर कोविड प्रोटोकॉल के तहत समारोह में सिर्फ 15 मेधावियों को ही मेडल दिए गए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल राज्यपाल आनंदीबेन ने अपने हाथों से छात्र शिवांश मिश्रा को सर्वश्रेष्ठ छात्र का चांसलर गोल्ड मेडल प्रदान किया। वहीं सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट के तौर पर रैना शुक्ला को कुलपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
वहीं लॉकडाउन के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाली तेजस्विनी बाजपेई को डॉ. चक्रवर्ती स्वर्ण पदक से नवाजा गया। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में कुलपति प्रोफ़ेसर आलोक राय ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया।
इस मौके पर हर्षिता दुबे को परास्नातक में सभी संकायों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए कुलपति रजत पदक प्रदान किया गया हालांकि बाकी विद्यार्थियों को मेडल वितरण की सूचना अलग से दी जाएगी।
दीक्षांत समारोह में विशिष्ठ अतिथि के रूप मे उपस्थित उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा दीक्षांत का मतलब दीक्षा का अंत नही होता है। छात्रो को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा असल चुनौती तो अब आपको स्वीकार करना होगा।
उन्होंने कहा छात्रों से कहा कि अब आप लोग अपनी योग्यता का ईमानदारी से परचम लहराएं। इस दौरान डॉ शर्मा ने विश्वविद्यालय के इतिहास के बारे में भी विस्तार से बताया।