अशाेक यादव, लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में आराजक तत्वों की गुंडई किस कदर हावी है इसका एक उदाहरण बीते शुक्रवार की देर रात देखने को मिला। यहां बने लाल बहादुर शास्त्री हॉस्टल में बीती देर रात दबंगों ने धावा बोला और एक अमन सिंह नाम के छात्र को मारपीट कर घायल कर दिया।
पीड़ित छात्र का एक पैर टूटा है और सिर में गंभीर चोटे आयी हैं, उसे इलाज के लिए केजीएमयू में भर्ती कराया गया है। इस घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे प्रॉक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी ने पीड़ित छात्र का हालचाल जाना और और मामले की जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में मुकदमा दर्ज कराये जाने लिए प्रॉक्टर की ओर से हसनगंज थाने में शिकायती पत्र दिया गया है।
विश्वविद्यालय के महमूदाबाद हॉस्टल में एक छात्र गुट की ओर से देर रात जन्मदिन की पार्टी चल रही थी। पार्टी के बाद जब छात्रों का गुट बाहर निकला, इसी बीच वह लाल बहादुर शास्त्री हॉस्टल पहुंच गया, यहां पर पहले से रह रहे एमए तृतीय सेमेस्टर के छात्र अमन सिंह से पार्टी में शामिल छात्रों से कुछ कहा सुनी हो गयी। बात इतनी ज्यादा बढ़ गयी कि मारपीट की नौबत आ गयी।
मारपीट के दौरान छात्र अमन सिंह का गंभीर चोटे आयी हैं, पैर टूटा और सिर में चोटे भी आये हैं, इस बात की पुष्टि लखनऊ विश्वविद्यालय चौकी प्रभारी राहुल तिवारी ने की है। राहुल तिवारी ने बताया कि प्रॉक्टर की ओर से लिखित शिकायत मिली है, मामले की जांच की जा रही है। कुछ छात्रों के नाम सामने आये हैं, उनसे पूछताछ की जायेगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध पीड़ित का भी बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जायेगी।
डरे सहमें छात्रों ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड कार्यालय का फोन मिलाया तो घंटो फोन बंद पाया गया। एक छात्र ने बताया कि प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अधीक्षक वीके जेटली फोन नहीं उठाते हैं, यदि फोन उठ जाता है तो उल्टा सीधा जवाब दिया जाता है।
विवाद के बाद जब हॉस्टल के अधिकारी जांच करने के लिए पहुंचे तो कुछ शराब की बोतले और सिगरेट की डिब्बी बरामद हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि शराब पीने के दौरान ही मारपीट हुई है, जिसमें अमन काफी घायल हो गया है।
महमूदाबाद हॉस्टल से लेकर एलबीएस हॉस्टल तक एक भी सीसी टीवी कैमरा काम नहीं कर रहा था। इस बात की पुष्टि प्रॉक्टर ने की है। प्रॉक्टर ने कहा कि कैमरे लगे हैं लेकिन काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में आरोपियों की पहचान नहीं हो पा रही है।
लखनऊ विश्वविद्यालय में चौकी पर पुलिस मुस्तैदी की पोल भी खुल गयी। बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार रात्रि 12 बजे से लेकर ढाई बजे तक आराजक तत्व हगंमा करते रहे, इस दौर ईटें पत्थर भी चलाये गये, जिसे देखकर अन्य कमरों के छात्र भी सहम गये। लेकिन विश्वविद्यालय में बनी चौकी पर तैनात पुलिस कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।