अशाेक यादव, लखनऊ। प्रदेश के राष्ट्रीयकृत मार्गों पर निजी बसें चलाने के सरकार के फरमान पर रोडवेज यूनियनें एक जुट हो गई हैं। उन्होंने सरकार के इस फैसले को निजीकरण को बढ़ावा देने का बताते हुए इसका विरोध किया है।
इस संबंध में सात सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा 30 दिसंबर को प्रदेश भर के क्षेत्रीय कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपेगा।
मोर्चा से संयोजक रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री गिरीश मिश्रा ने कहा कि सात सूत्रीय मांगों को लेकर 25 नवंबर को धरना दिया गया था। बावजूद निगम प्रबंधन और शासन की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया।
अगर 29 दिसंबर तक फैसला वापस नहीं लिया तो 30 दिसंबर को बड़ा आंदोलन होगा। इस दौरान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता और सेंटर रीजनल वर्कशाप कर्मचारी संघ के महामंत्री जसवंत सिंह व संविदा संघर्ष यूनियन के महामंत्री कंहौया लाल पांडेय मौजूद थे।
इन मांगों को लेकर करेंगे आंदोलन
– रोडवेज के राष्ट्रीयकृत मार्गों पर निजी बसों को परमिट देना
– पूर्व में 206 प्रस्तावित मार्गों को राष्ट्रीयकृत मार्ग घोषित करना
– वर्ष 2001 तक के संविदा कर्मियों की नियमित भर्ती करना
– नियमित कर्मियों के बकाए महंगाई भत्ते का भुगतान करना
– मृतक आश्रिकों की भर्ती और बकाए का भुगतान किया जाए
– संविदा चालक परिचालकों को चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाए
– आउटसोर्स और निलिट संस्था के कर्मियों को वरीयता देना