अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार का राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिये जरुरी उपाय अपनाने के दिशा निर्देश देते हुए कहा है कि वह स्वयं फील्ड स्तर के अधिकारियों से 15 दिन के नियमित अंतराल पर सीधा संवाद करेंगे।
योगी ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा अन्य राजस्व वसूली की समीक्षा बैठक में कहा कि वह राजस्व संग्रह में वृद्धि के लिये स्वयं प्रत्येक 15 दिनों के अंतराल पर फील्ड स्तर के अधिकारियों से संवाद कर समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार योगी ने बैठक में कहा कि समेकित प्रयासों से प्रदेश में जीएसटी संग्रह में सतत बढोतरी हो रही है। वर्ष 2021-22 में 98,107 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ। इसे और बेहतर करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि 2022-23 की पहली तिमाही में हुआ रिकॉर्ड राजस्व संग्रह अब तक के प्रयासों को सही दिशा होने की पुष्टि करते हैं।
वर्ष 2022-23 के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में नियोजित प्रयास किये जाएं।
योगी ने कहा कि जीएसटी उपभोग पर आधारित कर प्रणाली है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद एवं प्रति व्यक्ति आय तथा देश की जीडीपी की वृद्धि दर के दृष्टिगत ही राजस्व प्राप्ति होती है। इसलिए उपभोग में वृद्धि के लिए नियोजित प्रयासों की जरूरत है।
योगी ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सरकारी विभागों द्वारा कांट्रेक्टर को भुगतान करते समय टीडीएस टीसीएस की कटौती करके जमा किये जाने वाले विवरण, जीएसटीआर-7 के आधार पर कार्यदायी संस्था का पता लगाकर रिटर्न व देय कर जमा कराया जाए।
कर राजस्व की चोरी काे राष्ट्रीय क्षति बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कर चोरी रोकने के लिए सभी जिलों में एक टास्क फोर्स गठित की जाए। ऐसे लोगों को चिन्हित करते हुए इसके खिलाफ छापेमारी की जाए।