अशाेक यादव, लखनऊ। राजधानी के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के करीब 200 स्वास्थ्य कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है, 31 मार्च को इन कर्मचारियों को संस्थान से हटा दिया जाएगा। नौकरी जाने के डर से कर्मचारी लगातार संस्थान प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें उस भर्ती प्रक्रिया में शामिल कर लिया जाए,जिसके तहत नए स्वास्थ्य कर्मचारी रखे जा रहे हैं, लेकिन संस्थान प्रशासन की तरफ से इन स्वास्थ्य कर्मचारियों को अभी तक कोई आश्वासन नहीं मिला है, थक हार कर कर्मचारियों ने आज मंत्री ए.के.शर्मा से मिलकर संस्थान से हटाए जाने की पूरी बात बताई है।
बताया जा रहा है कि मंत्री ए के शर्मा ने कर्मचारियों की समस्या सुन,उनको दूर करने की बात कही है। दरअसल,कोरोना काल में करीब 1400 कर्मचारियों को पूरे उत्तर प्रदेश में आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखा गया था। इन कर्मचारियों में नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर, टेक्नीशियन समेत अन्य योग्यता रखने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल थे, इन सभी कर्मचारियों को प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में रखा गया था।
बताया जा रहा है कि इन सभी कर्मचारियों को बीते 5 मार्च के दिन एक नोटिस जारी कर हटाए जाने के आदेश जारी कर दिए गए थे, उसी के तहत लोहिया संस्थान में तैनात करीब 200 कर्मचारियों को 31 मार्च तक अपनी सेवाएं देने का निर्देश संस्थान प्रशासन की तरफ से जारी किया गया है।
लोहिया संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों का आरोप है कि संस्थान में नए सिरे से भर्ती हो रही है,लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया जा रहा है। इन स्वास्थ्य कर्मियों की मांग है कि कोविड-19 के दौरान जब लोग एक दूसरे से दूर भाग रहे थे,तब हमने जान पर खेलकर कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों की सेवा की। लेकिन अब हमें बिना किसी गलती के निकाला जा रहा है।