अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के दौरे का असर सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं में कितना सुधार ला रहा है, यह कहना तो थोड़ा मुश्किल है, लेकिन चिकित्सा विभाग व अस्पतालों में हो रही गड़बड़ियों का खुलासा जरूर हुआ है। यह उनके दौरे का ही असर है कि अस्पतालों,संस्थानों में व्यवस्था सुधारने के लिए बदलाव किये जा रहे हैँ, हालांकि इसका अस्पतालों में फैली अव्यवस्था पर कितना असर होगा,यह तो आने वाला वक्त बतायेगा।
जिन अस्पतालों व संस्थानों मे बदलाव की स्थित बनी है,उन्हीं में से एक संस्थान है राजधानी का डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान। यहां पर भी एक बदलाव डीप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के दौरे के बाद हुआ है। कुछ दिन पूर्व संस्थान की एचआरएफ कमेटी को भंग कर नयी कमेटी का गठन कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस कमेटी के इंचार्ज रहे डॉ.अतुल जैन को हटा दिया गया है, उनकी जगह पर डॉ.ए के सिंह को एचआरएफ यानी की हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड का इंचार्ज बनाया गया है।
दरअसल, बीते एक महीने पहले प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का निरीक्षण किया था। इस दौरान दवा स्टोर में उन्होंने बड़ी लापरवाही पकड़ी थी। लापरवाही इतनी बड़ी की उन्होंने खुद कहा था कि यदि जांच हो तो पता चलेगा कि करोड़ों का नुकसान हो गया है, हांलाकि मौके पर उप मुख्यमंत्री को 2 लाख 40 हजार की एक्सपायर दवाएं मिली , जो न तो मरीजों को दी गईं और न उन्हें विभाग को वापस किया गया, जो खराब हो गयीं।
इस लापरवाही पर उप मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई थी। उन्होंने जांच कर कार्रवाई के आदेश दिये थे। हांलाकि डीप्टी सीएम के इस आदेश का और क्या असर हुआ यह तो पता नहीं चल सका है,लेकिन कमेटी भंग कर लोहिया संस्थान प्रशासन ने नई कमेटी जरूर बना दी है और दावा किया जा रहा है कि आगे से बेहतर व्यवस्था व प्रबंधन संस्थान में देखने को मिलेगा।