अशाेक यादव, लखनऊ । राजधानी के किंगजार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में सीनियर छात्र की जगह जूनियर छात्रा परिक्षा देते पाये गये हैं, जिसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुये करीब 21 एमबीबीएस कर रहे छात्र-छात्राओं को निलंबित कर दिया है। इन सभी छात्र-छात्राओं को शुरूआती जांच के बाद आठ सप्ताह के लिए क्लास में आने से मना कर दिया गया है।
दरअसल,केजीएमयू में एमबीबीएस की आंतरिक परीक्षा चल रही थी,जिसमें बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि सीनियर की जगह जूनियर छात्र परीक्षा दे रहे थे। इस फर्जीवाड़े के विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इतना ही नहीं केजीएमयू प्रशासन की तरफ से आरोपित छात्रों के अभिभावकों को पूरे मामले की जानकारी दे दी गयी है।
बताया जा रहा है कि केजीएमयू में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र व छात्रायें विभिन्न विभागों में काम भी करते हैं। इस कारण विभाग असेसमेंट टेस्ट लेते हैं। इस परीक्षा के माध्यम से छात्रों ने कितना सीखा, इसे परखा जाता है। सभी छात्रों को परीक्षा देना आवश्यक होता है।
एमबीबीएस मेडिसिन एसेसमेंट परीक्षा के दौरान 21 छात्रों को अपने सीनियर की परीक्षा देते हुए पाये गये हैँ। एकेडमिक्स की डीन डॉ. उमा सिंह ने परीक्षा देने वाले वाले सभी 21 छात्रों को निलंबित कर दिया है।
इस तरह पकड़ में आया मामला
इस पूरे प्रकरण का खुलासा तब हुआ, जब मास्क लगाकर परीक्षा दे रहे छात्रों को ड्यूटी कर रहे शिक्षक ने पहचान लिया। इस बारे में शिक्षक ने गहनता से पड़ताल की तो कई छात्र परीक्षा देते पाये गये। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह जानते हुये दूसरे के स्थान पर परीक्षा देना अपराध है,उसके बाद भी मेडिकल छात्रों ने सीनियर की जगह परीक्षा दी। सूत्र बताते हैँ की जूनियर सीनियर के दबाव में परीक्षा दे रहे थे।