अशाेक यादव, लखनऊ। केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के एक दिन के उपवास के समर्थन में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के तमाम जिलों में प्रदर्शन किया। कई स्थानों पर उन्हें हिरासत में भी लिया गया।
राजधानी लखनऊ के कैसरबाग इलाके में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। सपा कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। महिला कार्यकर्ताओं समेत पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
सपा के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने बताया, ”समाजवादी पार्टी किसानों की मांगों का समर्थन करती है और उसकी सहानुभूति किसानों के साथ है। समाजवादी पार्टी की किसान यात्रा सात दिसंबर को आरंभ हुई थी और आज 14 दिसंबर को पार्टी के कार्यकर्ताओं का धरना प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर है। पार्टी के बहुत से नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है।”
आगरा में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हल्का बल प्रयोग किया। गोरखपुर में पुलिस ने सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को उस समय हिरासत में ले लिया जब सोमवार को वे नगर निगम परिसर में धरना प्रदर्शन करने जा रहे थे।
पुलिस ने सुबह से ही पार्टी कार्यकर्ताओ को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। पार्टी अध्यक्ष राम नगीना साहिनी और पूर्व अध्यक्ष जियाउल इस्लाम को गिरफ्तार कर लिया गया है। शहर के विभिन्न इलाकों से पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
सपा नेता राम नगीना साहिनी ने कहा, ”पुलिस और सरकार शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन का संवैधानिक अधिकार छीन रही है। फर्जी मुकदमे लगाये जा रहे हैं और हमें धरना प्रदर्शन नहीं करने दिया जा रहा है।”
गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेंद्र कुमार ने बताया, ”जिले में धारा 144 पहले से लागू है और महामारी के कारण बिना सामाजिक दूरी के एक स्थान पर लोगों का एकत्र होना सुरक्षित नहीं है। प्रदर्शन से पहले लोगों को मजिस्ट्रेट से इजाजत लेना होगा, फिर कोई आपत्ति नहीं है।”