अशाेक यादव, लखनऊ। जैसा कि कयास लगाया जा रहा था कि बीएसपी प्रमुख मायावती आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उमीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देंगी। वो सच हो गया है। मायावती ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का ऐलान कर दिया है कि वो राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देंगी।
इसको लेकर मायावती ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा हमने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि बीएसपी एनडीए या यूपीए की पिछलग्गू पार्टी नहीं है। उन्होंने कहा बीएसपी स्वतंत्र और निडर रहकर काम करने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा अगर कोई पार्टी देश के पिछले और उपेक्षित वर्ग के लिए काम करता है तो बीएसपी उसके साथ खड़ी रहेगी। फिर चाहे वो फैसला हमारे खिलाफ कितना भी नुकसानदेह क्यों ना साबित हो।
मायावती ने कहा बसपा का उद्देश्य बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों पर काम करना है। मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेस में खास तौर पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग बसपा को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ते, हमारे विधायकों को तोड़ने का काम किया जाता है।
मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव में बसपा की उपेक्षा का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में हमें ये देखने को मिला कि विपक्षी दलों ने अपनी मनमानी की और बीएसपी को विपक्ष ने अलग-थलग रखा।
मायावती ने एक बयान जारी कर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि बसपा, राष्ट्रपति चुनाव में अपना फैसला खुद लेने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा, “इसके तहत ही, हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपनी मूवमेन्ट का खास हिस्सा मानते हुये, द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का फैसला लिया है।
हमने यह अति-महत्वपूर्ण फैसला, बीजेपी व इनके एनडीए के पक्ष में नहीं और ना ही इनके विपक्ष यपूीए के विरोध में लिया है, बल्कि अपनी पार्टी व मूवमेन्ट को विशेष ध्यान में रखकर ही एक आदिवासी समाज की महिला को देश का राष्ट्रपति बनाने के लिए यह खास फैसला लिया है। मायावती ने यह भी कहा कि हालांकि वह (मुर्मू) कितना फ्री होकर व बिना किसी दबाव के कार्य कर पायेंगी, यह तो आगे चलकर, समय ही बतायेगा।
मायावती ने भाजपा एवं अन्य विपक्षी दलों पर सर्वसम्मति से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने की कोशिशों को महज प्रपंच करार देते हुए इस मुहिम में बसपा को अलग थलग रखने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में भाजपा जहां सर्वसम्मति (आम-सहमति) से सत्ताधारी एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार तय करने के लिए अपनी विपक्षी पार्टियों से संपर्क करने का दिखावा करती रही है, वहीं विपक्षी दल एक संयुक्त उम्मीदवार तय करने के लिए अपनी मनमानी बैठकें करते रहे। इन्होंने उस प्रक्रिया से बसपा को अलग-थलग रखा है। मायावती ने कहा कि यह इन दलों की जातिवादी मानसिकता को साबित करता है।
इन्हीं विपक्षी पार्टियों ने बसपा को भाजपा की ‘बी टीम’ बताकर झूठा प्रचार खूब फैलाकर व माहौल बनाकर खासकर यूपी के पिछले विधानसभा आम चुनाव में हमारी पार्टी का भारी नुकसान ही नहीं किया, बल्कि इन्होंने एक विशेष समुदाय को बसपा के खिलाफ व सपा के पक्ष में इतना ज्यादा गुमराह किया कि सपा तो हारी ही हारी, अन्त में भाजपा यहां दोबारा से सत्ता में आ गई।