एसबीएसएस, तिरुअनंतपुरम : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को पत्र लिखकर वित्त मंत्री के एन बालगोपाल के खिलाफ “संवैधानिक रूप से उचित कार्रवाई” करने के लिए कहा है। राज्यपाल के अनुसार वित्त मंत्री ने पद की शपथ का उल्लंघन किया था और भारत की एकता और अखंडता को कमजोर किया। खान ने 19 अक्टूबर को अपने बयानों का हवाला देते हुए बालगोपाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जो उनके अनुसार स्पष्ट रूप से राज्यपाल की छवि को खराब करने और उनके कार्यालय की गरिमा को कम करने के उद्देश्य से कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने खान को अपने जवाब में सरसरी तौर पर मांग को खारिज कर दिया।
बालगोपाल ने कथित तौर पर कहा था, “कुछ लोग जो उत्तर प्रदेश जैसे स्थानों में प्रथाओं के आदी हैं, वे उस लोकतांत्रिक प्रकृति को समझने में सक्षम नहीं हो सकते हैं जिसमें केरल में विश्वविद्यालय कार्य करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा था कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) सहित विश्वविद्यालयों में वी-सी को सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों द्वारा सुरक्षा की आवश्यकता है। मंत्री की टिप्पणी का हवाला देते हुए, खान ने 25 अक्टूबर को पिनाराई विजयन को लिखे अपने पत्र में कहा, “बालगोपाल द्वारा की गई टिप्पणी क्षेत्रवाद और प्रांतवाद की आग को भड़काने की कोशिश करती है और अगर इसे अनियंत्रित होने दिया जाता है, तो उनका हमारे राष्ट्रीय पर एक विनाशकारी और हानिकारक प्रभाव हो सकता है। बालगोपाल के कथित बयान मेरे द्वारा दी गई शपथ के उल्लंघन से कम नहीं हैं।
राज्यपाल ने कहा कि मैं उन्हें सलाह देता हूं कि वो मेरे बारे में तो बोलें लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जजों के बारे में ऐसी टिप्पणी ना करें। उन्होंने आगे बताया कि कोर्ट ने शनिवार(22 अक्टूबर) को केरल टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वीसी की नियुक्ति के खिलाफ एक फैसला दिया था। इसको लेकर अगर आप कहते कि जज महाराष्ट्र और असम से होने के कारण केरल के एजुकेशन सिस्टम को नहीं समझते हैं, तो आप खुद को परेशानी में डाल रहे हैं।