अशाेेेक यादव, लखनऊ। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि राज्यपाल कलराज मिश्र केन्द्र सरकार के दवाब में विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं। सीएम गहलोत ने आज राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्यपाल द्वारा केबिनेट के फैसले को मानने की परंपरा रही है और हमने उनसे इसके तहत ही विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी चल रही है विधानसभा सत्र में इस पर बहस करेंगे और बहुमत भी साबित करेंगे। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि राज्यपाल किसी के दवाब में नहीं आएंगे तथा वह इस पर जल्द ही निर्णय लेंगे।
उन्होंने कहा कि हमेशा विपक्ष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करता है लेकिन इस बार सत्ता पक्ष विधानसभा बुलाने के लिए निवेदन कर रहा है और विधानसभा में दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। लेकिन यह समझ से परे है कि विधानसभा का सत्र क्यों नहीं बुलाया जा रहा है।
सीएम गहलोत ने कहा कि सभी विधायक राजभवन के लाॅन में गांधीवादी तरीके से बैठे है तथा राज्यपाल के निर्णय का इंतजार कर रहे है। उनका फैसला आ जाने के बाद ही हम आगे की रणनीति पर चर्चा कर कदम उठायेंगे तब तक यही बैठेंगे।
राजभवन का घेराव के संबंध में उनके द्वारा दिये गये बयान पर उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्ष 1993 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भैंरोसिंह शेखावत अपने विधायकों के साथ राजभवन के इस लाॅन में धरने पर बैठे थे। भैंरोसिंह शेखावत ने भी उस समय राजभवन को घेरने का बयान दिया था।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भाजपा के नेताओं को इसकी जानकारी नहीं है। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने बताया कि राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम मध्यनजर कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर शनिवार को धरना प्रदर्शन किया जायेगा।