अशाेेेक यादव, लखनऊ। राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस नेता सचिन पायलट गुट की ओर से दायर याचिका पर अब 24 जुलाई को फैसला आएगा तब तक विधान सभा अध्यक्ष विधायकों के नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती और प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायालय में कल और आज सभी ने अपनी अपनी दलीलें दी थीं। विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी के वकील अभिषेक सिंघवी ने दलील दी थी कि इस मामले में न्यायालय को दखल देने की जरूरत नहीं है। इसलिए याचिका खारिज होने योग्य है।
अभिषेक सिंघवी ने कहा कि नोटिस पर स्टे का अंतरिम आदेश का मतलब पैरा 2-1-A की कार्यवाही पर स्टे होगा, जो नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अभिव्यक्ति के विचार का मतलब कुछ भी करने की स्वतंत्रता नहीं है।
अभिषेक सिंघवी ने कहा कि संविधान ने विधान सभा संचालन का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष दिया है और यह नियम संविधान का हिस्सा है कि विधानसभा अध्यक्ष के पास विधायकों को अयोग्य घोषित करने उसके नियम बनाने के अधिकार हैं, जिसकी न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती है।
इससे पहले सचिन पायलट गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी शुक्रवार को अपनी दलीलें दे चुके थे। पायलट गुट की ओर से पी आर मीना ने न्यायालय में याचिका दायर की है।
इसमें विधायकों के अयोग्यता संबंधी नोटिस पर अंतरिम रोक लगाने और जिस शेड्यूल में नोटिस दिया गया है उसकी संवैधानिकता को चुनौती दी है। अब न्यायालय के फैसले के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी अपना फैसला लेंगे।