राहुल यादव, लखनऊ।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज जारी बयान में कहा है कि आज कानपूर में बेलगाम अपराधी द्वारा 8 पुलिसकर्मियों की हत्या सहित प्रयागराज और गाजियाबाद में हुई ताबड़तोड़ हत्या बताती है कि प्रदेश में जंगलराज बना हुआ है। कानून का राज अब उत्तर प्रदेश में सियासी मुहावरा बन कर रह गया हैं।
योगीराज में पूरे प्रदेश में अराजकता हैं। प्रदेश में कानून का राज नाम की कोई चीज नहीं रह गयी हैं। अपराधी सत्ता के संरक्षण में फल-फूल रहे हैं और मनबढ़ हो चले हैं। अपराधी इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद फरार भी हो जाते हैं। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था ने दम तोड़ दिया है। कानपुर की यह घटना उ0प्र0 में ‘जंगलराज’ की भयावह तस्वीर है।
अपने संकल्प पत्र में कानून का राज स्थापित करने की बात कहने वाले मुख्यमंत्री योगी से उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है। मुख्यमंत्री योगी के राज में 60-60 मुकदमें वाले अपराधी खुलेआम बाहर घूम रहे हैं और मुख्यमंत्री आपदाकाल में गरीब श्रमिकांे की मदद और सेवा कार्य में लगे कांग्रेस के सिपाहियों पर फर्जी मुकदमें लगा कर जेल भेजने का काम करते रहे।
सरकार की खोखली नीति के कारण ही आज हमारे पुलिस के जवानों को शहादत देनी पड़ी। उ0प्र0 का गृह विभाग मुख्यमंत्री के हाथों में है। उन्होंने आगे कहा कि पूर्व में इंस्पेक्टर सुबोध की भी हत्या हुयी थी और हत्या आरोपी को भाजपा के लोग कंधे पर घुमाने का काम करते थे। जिस अपराधी ने आज घटना को अंजाम दिया है उसने एक राज्यमंत्री की भी हत्या की थी। यदि वो इतना बड़ा हिस्ट्रीशीटर था तो अब तक जेल से बाहर क्यूं था? सत्ता के संरक्षण में इतनी बडी घटना हुई है। कानपुर की घटना ‘जंगलराज’ की भयावह तस्वीर है। मुख्यमंत्री योगी जी लगातार सड़कों पर, सदन में कहते नहीं थकते थे कि ’अपराधी या तो जेल में हैं या उप्र छोड़ कर भाग चुका है।’ पर आप सबके सामने प्रदेश की गिरती कानून व्यवस्था का हाल यह हत्याएं बताती हैं।
कानपुर की भयावह घटना सहित प्रयागराज में एक परिवार के चार लोगों की हत्या, गाजियाबाद में पिता-पुत्री की हत्या बताता है अब प्रदेश में जनता के साथ साथ पुलिस भी असुरक्षित है। उप्र में अपराधियों का इस तरह हावी हो जाना असामान्य है। इस जंगलराज को देखते हुए जवाबदेही तो तय करनी ही होगी। उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने से इतर आपको यूपी की ध्वस्त होती कानून-व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आपने यह किया नहीं जिसका नतीजा पुलिस के जवानों की शहादत हुईं। जनता जवाब चाहती है? कौन इस हत्याकांड के लिए जिम्मेवार है?
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर शहीद हुए पुलिस कर्मियों की याद में श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की गयी, जिसमे प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने शहीद पुलिस कर्मियों की याद में पुष्पांजलि अर्पित करते हुए 2 मिनट का मौन रखा। उन्होने शहीद पुलिस कर्मियों की आत्मा की शांति एवं उनके परिजनों को इस असह्य दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि सभा में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय सचिव सचिन नाईक, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र चौधरी, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व विधायक श्यामकिशोर शुक्ल, सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव, मनोज यादव, प्रदीप नरवाल, आलोक प्रसाद, बृजेन्द्र कुमार सिंह, मुकेश सिंह चौहान, आर0सी0 उप्रेती, गंगा सिंह एड., डा0 विनोद चन्द्रा, वेद प्रकाश त्रिपाठी, ममता चौधरी, सुशीला शर्मा, सिद्धिश्री, रफत फातिमा, राजेश सिंह काली, तरूण पटेल, प्रदीप कनौजिया, शाहनवाज खान, महावीर सिंह विष्ट, आशीष दीक्षित, मोहन कुमार, अंकित सक्सेना, सोम विकल, राम यादव, कोमल, मुसकान बाजपेयी, शिप्रा अवस्थी सहित सैंकड़ों की संख्या में कांग्रेसजन मौजूद रहे।