लखनऊ। दिल्ली व हरियाणा के बाद उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है। यूपी में सभी स्कूल और कॉलेज 22 मार्च तक बंद रहेंगे। उत्तर प्रदेश में 10 से ज्यादा कोरोना वायरस के पॉजिटिव लोगों की पहचान की जा चुकी है।
वहीं सैकड़ों लोगों पर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बैठक बुलाई थी। बैठक में कोरोना वायरस के नियंत्रण को लेकर चल रहे कार्यों की समीक्षा की गई। साथ ही कई जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए।
इसके अलावा नोएडा में प्राइवेट फर्म में काम करने वाला व्यक्ति कोरोना वायरस से पीड़ित पाया गया है। नोएडा के सीएमओ ने इस बात की पुष्टि की है। कंपनी के 707 कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में रखा गया है।
इससे पहले दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने भी ऐहतियात के तौर पर सभी सिनेमा हाल और जिन स्कूलों व कालेजों में परीक्षाएं नहीं हैं, उन सभी को आगामी 31 मार्च तक बंद करने का फैसला लिया। दिल्ली में सभी खेल, आयोजनों, सेमिनार, कॉन्फ्रेंस पर रोक लगा दी है।
प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री के साथ दोनों डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी, मुख्य सचिव आरके तिवारी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि डेढ़ महीने पहले से ही प्रदेश में एलर्ट जारी किया गया था।
बचाव के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई थी। अस्पतालों में स्टाफ की ट्रेनिंग हो सके इसके लोए भी हमने काम किए। 4100 चिकित्सकों को ट्रेन भी किया जा चुका है। प्रत्येक जनपद में आइसोलेशन वार्ड बने हुए हैं।
सीएम ने कहा कि प्रदेश में अभी तक 3 स्थानों पर नमूने लेने की जगह थी। बीआरडी मेडिकल कॉलेज व बी.एच.यू. के साथ 5 जगहों पर लैबोरेटरी तैयार करने की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि यूपी में 4100 डॉक्टर्स को प्रशिक्षित किया गया है।
75 जिलों के अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाकर 820 बेड रिजर्व किए गए हैं। निजी और सरकारी क्षेत्र के 24 मेडिकल कॉलेज में भी 448 बेड रिजर्व किए गए हैं।