ब्रेकिंग:

यूपी चुनाव 2022 : प्रसपा के साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव, चाचा शिवपाल बनेंगे कैबिनेट मंत्री – अखिलेश यादव

अशाेक यादव, लखनऊ। दीपावली मनाने अपने पैतृक आवास सैफई पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी समेत सभी छोटे दलों के साथ मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने प्रसपा को गठबंधन में शामिल करने की भी बात कही। सपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो चाचा शिवपाल को कैबिनेट मंत्री बनाएंगे।

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी सभी दलों के साथ एडजस्टमेंट को तैयार हैं। कहां कि किसी भी बड़े राजनीतिक दल के साथ सपा गठबंधन नहीं करेगी। जसवंतनगर विधानसभा सीट प्रसपा के नेता के लिए छोड़ दी गई है, और पार्टी उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाने के लिए भी तैयार है।

शनिवार को इटावा स्थित सिविल लाइन स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने प्रसपा प्रमुख व चाचा शिवपाल सिंह यादव को इशारों- इशारों में चुनाव में गठबंधन के लिए आमंत्रित भी किया। इस दौरान बसपा समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के दो दर्जन से अधिक पार्टी नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हुए।

अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता ने बिहार में महागठबंधन को समर्थन दिया था लेकिन भाजपा ने धोखे से महागठबंधन को चुनाव हरा दिया। किसानों की बदहाली का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने मिस्ड कॉल नंबर जारी करके कार्यकर्ताओं को जोड़कर विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा किया है।

ऐसे में पूछना चाहते हैं मिस्ड कॉल पार्टी वह नम्बर भी बताए जिस पर मिस्ड कॉल करके किसान अपनी फसल का समर्थन मूल्य व नौजवान नौकरी मांग सकें। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई शेर नहीं है यही कारण है कि इटावा की लायन सफारी के शेरों को गोरखपुर भेजा जा रहा है।

उन्होंने पार्टी के सत्ता में आने पर लायन सफारी के दरवाजे वॉकर व साइकिलिस्ट के लिए खोलने का भी ऐलान किया। इस दौरान पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव, वरिष्ठ सपा नेता राजपाल सिंह यादव, पार्टी जिलाध्यक्ष गोपाल यादव, पूर्व अध्यक्ष राजीव यादव, पूर्व पालिकाध्यक्ष फुरकान अहमद, आशीष राजपूत आदि मौजूद रहे।

दीपावली के मौके पर इटावा प्रवास के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सिविल लाइन में स्थित आवास पर अपने गुरु डॉ. अवध किशोर बाजपेई को देखकर कहा कि वह अब भी इटावा को भूले नहीं है।

उन्होंने इटावा की भाषा में कहा कि लऊआ बहुत दिनों बाद आए। ऐसे में उन्होंने कहा कि वह इटावा में रहे हैं और यहां से ही उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ। इटावा का विकास समाजवादी पार्टी ने किया जबकि विरोधी पार्टियों ने इटावा का विकास रोका है।

आज इटावा सफारी प्रदेश व देश में अपनी पहचान रखती है। फुटबॉल के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम से लेकर सैफई मेडिकल यूनीवर्सिटी, खेल का मैदान और न जाने कितनी योजनाएं सपा की ही देन हैं, जबकि भाजपा का विकास केवल विकास भवन में काला ग्रेनाइट लगवाना है।

Loading...

Check Also

केजरीवाल की राह पर पीके के पदचिन्ह : अतुल मलिकराम

सूर्योदय भारत समाचार सेवा : “बिहार का चुनाव हम 2025 में जीतना चाहते हैं या …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com